Sunday 16 February 2020

दिनांक- 3 फरवरी 2020
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-112

प्राकृतिक व्यवस्था से मजबूत व्यवस्था पूरे धरती पर नहीं है...

हमें तेजी से अपने उत्पादों को नए-नए तकनीक से जोड़ने की आवश्यकता है...

---श्री हेमंत सोरेन,मुख्यमंत्री, झारखंड

इंडोर स्टेडियम दुमका

उद्योग विभाग हस्तकरघा रेशम एवं हस्तशिल्प निदेशालय द्वारा तसर उत्पादकों का प्रमंडल स्तरीय कार्यशाला सह सम्मान समारोह "नई उड़ान" का आयोजन इंडोर स्टेडियम दुमका में किया गया। इस दौरान रेशम उत्पादन में बेहतर कार्य करने वालों को कृषकों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर उपस्थित तसर उत्पादन से जुड़े कृषकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रेशम के क्षेत्र में झारखंड अपनी एक अलग पहचान रखता है। वही विशेषकर संथाल परगना पूरे राज्य में रेशम उत्पादन से लेकर रेशम के वस्त्र बनाने तक में अपनी पहचान रखता है। पूरे राज्य में रेशम की सबसे अधिक खेती दुमका जिले में होती है।इस पहचान को बरकरार रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विभाग बेहतर ढंग से कार्य योजना तैयार करें ताकि रेशम से जुड़े लोगों की आय में वृद्धि हो सके तथा स्वरोजगार के और भी बेहतर अवसर प्रदान किए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी घरों में रोजगार अत्यंत आवश्यक है।लोगों के पास रोजगार होगा तभी उनका सर्वांगीण विकास हो सकेगा। उन्होंने कहा कि आप सभी रेशम का धागा निर्माण करने का कार्य करते हैं रेशम के धागे से कई वस्तुओं का निर्माण करते हैं साथ ही उस उत्पादन में कलाकारी का भी कार्य करते हैं। अपने कार्य को बेहतर ढंग से करें ताकि आप अधिक से अधिक आय अर्जित कर सकें। सरकार द्वारा जो भी तकनीकी सहयोग आपको दिया जा रहा है उसका भरपूर लाभ उठाएं। हमें तेजी से अपने उत्पादों को नए-नए तकनीक से जोड़ने की आवश्यकता है। हाथों से पहले रेशम के धागे को निकालने का कार्य किया जाता था। तकनीक के आ जाने से जिस धागे को निकालने के लिए महीनों का वक्त लगता था अब वह कुछ घंटों में ही हो जाता है तथा जिस कार्य में घंटों लगते थे वह मिनटों में ही संभव हो जाता है।
उन्होंने कृषकों से कहा कि खादी हमारे देश की पहचान को दर्शाता है। आज बाजार में कई ऐसे उत्पाद हैं जो खादी जैसे हैं या यूं कहें कि खादी ही हैं लेकिन बेहतर तकनीक के माध्यम से निर्माण होने के कारण उसकी मांग बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि अपने उत्पाद को बेहतर बनाएं ताकि उसकी मांग पूरे विश्व में हो। मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रेशम उत्पादन के क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर स्वरोजगार उपलब्ध कराने की जरूरत है ताकि लोगों के जीवन स्तर में सुधार आये।इस क्षेत्र में आपकी रूचि को देखते हुए निश्चित रूप से सरकार तसर उत्पादन के क्षेत्र में कार्य करेगी ताकि इस इस क्षेत्र को सशक्त बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रकृति की व्यवस्था से मजबूत व्यवस्था पूरे धरती पर नहीं है। हमें प्रकृति द्वारा की गई व्यवस्था का संरक्षण करने की जरूरत है। प्रकृति की व्यवस्था को बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है तभी हमें उसका लाभ मिलेगा।कहा कि पूर्व में इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में काजू के वृक्ष पाए जाते थे। उपेक्षा के कारण आज ना के बराबर काजू के वृक्ष दिखाई देते हैं।हमने सारे जंगल उजाड़ दिए।आज वही काजू इतनी महंगी है कि हम खरीद नहीं सकते।पूर्व में काजू के उत्पादन की कोई व्यवस्था नहीं की गई जिसके कारण इतनी बड़ी चीज़को समाप्त कर दिया गया।
उन्होंने कृषकों से कहा कि अगली बार एक नई योजना के साथ आप सभी के बीच में उपस्थित रहूँगा।बेहतर तसर उत्पादन के लिए जो भी तकनीक की आवश्यकता होगी,उस दिशा में कार्य किया जाएगा।

स्वागत संबोधन में उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने अपना बहुमूल्य समय देकर तसर उत्पादन से जुड़े कृषकों को एक नई ऊर्जा प्रदान किया है।रेशम से जुड़े उत्पादन के गुणवत्ता को बेहतर करने का कार्य किया जा रहा है ताकि कृषकों की आय में वृद्धि हो सके तथा उनके द्वारा निर्मित उत्पादों की मांग बढ़े।

मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन एवं निदेशक हस्तकरघा, रेशम एवं हस्तशिल्प निदेशालय श्री उदय प्रताप ने सहायक उद्योग निदेशक रेशम संथाल परगना श्री सुधीर कुमार सिंह को रेशम उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा विभागीय कैलेंडर एवं पुस्तिका का विमोचन किया गया।इस दौरान उपायुक्त राजेश्वरी बी ने हस्त चित्रकला मुख्यमंत्री को भेंट किया।

कार्यक्रम की शुरुआत रेशम उत्पादन से जुड़े पौधे में पानी देकर की गई। पारंपरिक रीति रिवाज मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया।








No comments:

Post a Comment