दुमका 27 जून 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या -0765
‘‘जल ही जीवन है‘‘। हमें वर्तमान व भावी पीढ़ियों के लिये जल संरक्षण की आवश्यकता को समझनी होगी। वर्षा ऋतु के पूर्व अगर जल संरक्षण के उपायों को हम अपने व्यवहार में शामिल करें तो बारिश के जल को संचित कर न केवल अपने खेतों के पैदावार को बढ़ा सकेंगे, बल्कि पेयजल की समस्या को भी दूर कर सकेंगे। बारिश के मौसम के पूर्व ही हमें ऐसे इंतजाम करने हैं कि बारिश के पानी का हम ज्यादा से ज्यादा संचयन कर सकें।
उप विकास आयुक्त वरुण रंजन ने प्रत्येक व्यक्ति द्वारा इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाने की शुभकामना दी है, उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी का भी यही आग्रह है, कि जल संरक्षण एवं जल संचयन लोगों के व्यवहार में शामिल हो। लोग जागरूक होकर स्वच्छता और जल संरक्षण जैसे मुद्दे को आचरण में समाहित करें एवं अपने भविष्य को सुरक्षित करें।
उन्होंने कहा कि वर्षा जल के संचयन हेतु गांवो में छोटे तालाब का निर्माण किया जाए। पहले से निर्मित तालाबो की सफाई आवश्यक है। सभी परती भूमि पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाए और लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए। घरेलु एवं कृषि उद्देश्यों के लिए घर के बाहर सोख गड्डों का निर्माण किया जाए। रैलियों एवं ग्राम सभा के माध्यम से जल संरक्षण एवं जल संचयन के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाए। गांवो एवं विद्यालय स्तर पर जल संचयन एवं जल संरक्षण से संबंधित नुक्कड़ नाटक, लोक गीत, नृत्य प्रदर्शन के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का भी उन्होंने निदेश दिया। इन्होंने निर्देश दिया है कि जल संचयन अभियान में प्रखंड विकास पदाधिकारी या अंचलाधिकारी ग्राम सभा में स्वयं उपस्थित होकर संचयन एवं जल संरक्षण की महत्ता से ग्रामीणों को अवगत कराए। जल संरक्षण एवं संचयन को अभियान के रुप में चलाया जाय।
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