Sunday, 6 March 2022

दिनांक- 04 मार्च 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-212

 दिनांक- 04 मार्च 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-212


दो अनाथ बच्चियों को सीडब्ल्यूसी का मिला संरक्षण

एक बच्ची को बालिका गृह में किया गया आवासीत

दूसरी को स्पान्सरशिप स्कीम से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू

दुमका। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष लगातार ऐसे बच्चे आ रहे हैं जिनके माता एवं पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है या फिर पिता की मृत्यु हो चुकी है और माता बच्चों के देखरेख और संरक्षण में असमर्थ हैं। शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी के सामने जिले के रानीश्वर थाना क्षेत्र के दो अनाथ बच्चियों को चाईल्डलाईन के केन्द्र समन्वयक मधुसूदन सिंह और टीम मेंबर निशा कुमारी के द्वारा सीडब्ल्यूसी के द्वारा प्रस्तुत किया गया। सीडब्ल्यूसी सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी ने बच्चियों को लेकर आयी उसकी बुआ और मौसा का बयान दर्ज किया। दोनों ने बताया कि एक साल पूर्व बच्चियों के पिता और उनकी माता का निधन हो चुका है। तब से वह उनके साथ ही रह रहीं हैं पर उनके अपने भी बच्चे हैं जिस कारण दोनों अनाथ बच्चियों के देखभाल और संरक्षण में उन्हें कठिनाई हो रही है। दोनों चाहते थे कि दोनों अनाथ बच्चियों को बाल कल्याण समिति अपने देखरेख और संरक्षण में लेकर बालिका गृह में आवासीत करे। समिति ने बच्चियों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए बड़ी बच्ची को बालगृह बालिका में आवासीत करने का निर्णय लिया और छोटी बच्ची को समाज कल्याण विभाग की स्पॉन्सरशिप स्कीम से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करते हुए इसके बारे में बच्चियों के बुआ और मौसा को बताया। समिति ने बताया कि बच्चों को बालगृह में रखने का निर्णय उनके जरूरत के अलावा बालगृह की क्षमता, बच्चे की उम्र और यौन के आधार पर लिया जाता है। इस समय बालगृह बालिका में 51 बच्चियां नामांकित हैं जबकि बालिका गृह की क्षमता 50 की है। दुमका के अलावा गिरिडीह जिला की बच्चियां भी बालिका गृह में आवासीत हैं क्योंकि वहां बालिका गृह नहीं है। इसी आलोक में समिति ने दोनों अनाथ बच्चियों में से एक को बालिका गृह में और दूसरे को उसके मौसा के साघर भेज दिया। शुक्रवार को ही चाइल्डलाईन द्वारा दुधानी लूटपाड़ा के 13 वर्षीय बालक को प्रस्तुत किया गया जो प्लास्टिक की खाली बोतलें चुनते हुए पाया गया। बालक और उसकी मां का बयान दर्ज करते हुए समिति ने बालक को सीआईएसएस (चिल्ड्रेन इन स्ट्रीट सिचुएसन) के रूप में चिन्हित करते हुए उसके पुर्नवास की प्रक्रिया शुरू कर दी। सीआईएसएस बच्चे को स्पान्सरशिप स्कीम से जोड़ा जाना है जिसके तहत उसे पोषण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए तीन साल तक प्रत्येक माह दो हजार रूपये खाते में भेजे जाएंगे। इसके अलावा सीआईएसएस के परिवार को सरकार की अन्य योजनाओं का भी पात्रता के आधार पर प्राथमिकता के तहत लाभ दिलाया जायेगा।

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