Wednesday, 10 August 2016

दुमका, 10 अगस्त 2016 
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 487 
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016 वासुकिनाथधाम

मेंहदी सिर्फ रंग नहीं, खुषियों की निषानी...
श्रावणी मेला के दौरान पूरे मेला क्षेत्र में मेंहदी लगाने वाले स्टाॅल और मेंहदी लगवाती महिलायें आपको दिख जायेंगे। दरअसल मेंहदी सिर्फ रंग ही नहीं खुषियों की निषानी है। सावन के दौरान यहां आने वाली महिलायें मेंहदी लगा कर ही अपने घर को जाती है। मेंहदी लगाना ज्यादातर लड़कियों को पसंद है। सिर्फ महिलायें ही नहीं कुवांरी लड़कियां भी विषेषकर सावन, तीज, करवाचैथ जैसे त्योहारों में मेंहदी लगाती है। यह एक परंपरा है एवं खासकर महिलाओं के लिए मेंहदी का एक विषेष महत्व है। मेंहदी सिर्फ श्रृगांर की वस्तु नहीं बल्कि खुषियों की प्रतीक है। मेंहदी परिवारों के बीच प्यार और स्नेह का प्रतीक है। साथ ही दुल्हन के हाथों के मेंहदी का गहरा रंग पति-पत्नी के बीच के अटूट प्रेम को दर्षाता है। जितने दिनों तक दुल्हन के हाथों में मेंहदी का रंग चढ़ा रहता है। तब वर वधू के लिए शुभ माना जाता है। मेंहदी है ही ऐसी जिसमंे एक बार इसका रंग चढ़ जाये उसका जीवन कभी बेरंग नहीं होती।


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