दुमका 01 अगस्त 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 440
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016
ड्यूटी नहीं सेवा है यह
- सुरक्षा बल
मेला में कांवरियों को जलार्पण कराने में सुरक्षा बल की अहम भूमिका है। श्रद्धालुओं के वासुकिनाथधाम पहुंच के बाद से लेकर जलार्पण करने तक सुरक्षा कर्मी अपने-अपने स्थान पर पूरे मुस्तैदी के साथ तैनात रहते है। श्रावणी मेले के दौरान पूरे मेला क्षेत्र में 103 चेक पोस्ट बनाये गये है एवं सभी चेक पोस्ट पर दिन दौगुनी रात चैगुनी कर सुरक्षा कर्मी श्रद्धालुओं की सेवा में लगे हुए है।
श्रावणी मेला के दौरान अगर असली हीरो कहा जाय तो वह श्रद्धालुओं को संभालने वाले पुलिस प्रषासन ही है। इनके ही प्रयास से वासुकिनाथधाम आने वाले श्रद्धालु सही सलामत बाबा वासुकिनाथ तक कतारबद्ध होकर पहुंचाते है। पूरे दिन में कई बार ऐसा भी होता है की इन्हें आराम करने का मौका नही मिलता है।
पूरे मेला क्षेत्र में विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए राज्य के अलग-अलग हिस्से से कुल 1500 महिला एवं पुरुष पुलिस कर्मी को श्रद्धालुओं के सेवा के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है। इस मेला में कई ऐसे पुलिस कर्मी है जो बाबा वासुकिनाथ की सेवा में पिछले कई वर्ष से आ रहे है जबकि कई ऐसे भी पुलिस कर्मी है जो पहली बार बाबा के दरबार में आये है।
उनकी ड्यूूटी मेला के दौरान कितनी कठिन है और अन्य दिनों के अपेक्षा कितनी अलग है ये जानने के लिए हमने सभी चेक पाॅईन्ट के कुछ पदाधिकारियों से बात की। बातचीत के लिए हमने पुरुष एवं महिला पुलिस कर्मी को चुना।
नेतरहाट आई आर बी कैम्प से आये कुलदीप कुमार ने कहा कि बाबा वासुकिनाथधाम पहंुच कर श्रद्धालुओं की सेवा करना एक भावनात्मक ऐहसास है। जब हम सब यहा पहली बार आये तो हमें लगा की हमसब एक बेहद कठिन कार्य करने जा रहे है लेकिन वासुकिनाथधाम पहुंचने के 13 दिन श्रद्धालुओं की सेवा करने के बाद हमसब यहा हर बार पहुंच कर बाबा के दरबार पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करना चाहुंगा। उन्होंने कहा की हमसब कुल 800 लोग बाबा के दरबार में जंगल की ड्यूटी छोड़कर आये है। कुलदीप कुमार ने कहा इतने बड़े मेले में काम करने का अनुभव की कल्पना मैं कभी नही कर सकता था। बाबा ने मुझे बुलाया और मैं चाहूंगा कि हर बार सावन के महीने में बाबा मुझे सेवा करने का मौका दे। उनके साथ आये निलेष कुमार पासवान, षिवचरण उरांव, छोटे लाल राम, सहाबीर महतो, बैद्यनाथ कुमार ने कहा कि यहा पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सेवा मे हमसब को बहुत ही आनंद की प्राप्ति हो रही है और हमसब हर वर्ष इसी तरह यहा आना चाहेंगे।
धनबाद से आयी अन्नू कुमारी सावन के पहले दिन से ही मंदिर के प्रांगण में श्रद्धालुओं की सेवा में लगी है। उन्होंने कहा कि हर दिन हजारों लोग यहा जलार्पण करने आ रहे है लेकिन मुझे कभी यह ऐहसास भी नही हुआ की इतनी बड़ी भीड़ को सभालना कठिन है बड़े ही सहज भाव से श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण करते है। बाबा के प्रांगण में रहना सौभाग्य वाले को ही मिलता है। मैं हर बार इसी तरह बाबा के प्रांगण में रह कर श्रद्धालुओं की सेवा करना चाहूंगी।
वासुकिनाथधाम स्थित नंदी चैक पर प्रतिनियुक्त रांची से आये बी एन भगत बताते है कि इससे ज्यादा पुण्य मुझे कही नही मिल सकता। बाबा के दरबार पहंुचने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करना सब के नसीब में नही होता। मुझे यहा किसी प्रकार की कठनाई नही होती है पर, इस बात का डर रहता है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार के कष्ट न हो। मैं हर बार बाबा की सेवा में अपनी हाजरी लगवाने जरुर आना चाहूंगा।
रांची से आये राम रतन प्रसाद सिंह ने बताया कि मैं पिछले 10 वर्ष से बाबा की सेवा मे हूं और मैं हर बार इसी तरह आता रहुंगा अगर बाबा चाहेंगे।
आई आर बी 3 चतरा से आये अमोद कुमार, ललित चंद्र महतो, प्रकाष ने बताया कि बाबा वासुकिनाथ की सेवा में बुरा लगने प्रष्न ही नही उठता है यहाँ आना सब के बस की बात नही है किस्मत वाले ही होते है जिसको बाबा सेवा करने का मौका देते है।
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