Saturday, 13 August 2016

दुमका, 11 अगस्त 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 491 
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016 वासुकिनाथधाम

सावन के रिमझिम फुहारों के बीच तो कभी तेज हवा के साथ कटीली वर्षा के साथ कांवरियों ने वासुकिनाथधाम में बोल बम के नारांे के साथ समां बांध दिया। आज 23वें दिन 4ः00 बजे अपराह्न तक कुल 55300 श्रद्धालुओं ने बाबा वासुकिनाथ पर जलार्पण किया। 4ः00 बजे अपराह्न तक 750 शीघ्र दर्षनम् दर्षनार्थी रहे। कुल चढ़ावा राषि 53089 रु जिनमें गोलक से 39020 एवं दान रसीद से 14069 रु रहा। 6 चाँदी का सिक्का 5 ग्राम विक्रय और 12 चाँदी का सिक्का 10 ग्राम विक्रय हुआ। कल मेला के 22वें दिन जलार्पण समाप्त होने तक कुल 109270 कांवरियों ने बाबा वासुकिनाथ पर जलार्पण किया है। जिसमें शीध्रदर्षनम के माध्यम से जलार्पण करने वालों की संख्या 1442 है। 

आज श्रावणी मेले 23 वें दिन जोरदार बारिष भी श्रद्धालुओं को बाबा वासुकिनाथ तक पहँुचने से नहीं रोक सकी। प्रातः 4 बजे से ही रिमझिम फुवारों के बीच श्रद्धालु बाबा पर कतारबद्ध हो कर शांतिपूर्ण ढंग से जलार्पण कर रहे थे। सुरक्षा कर्मी प्रतिदिन की भांति आज भी अपने-अपने कर्तव्य स्थल पर मौजूद थे। श्रद्धालु सही सलामत बाबा पर जलार्पण करें इस बात का पूरा ध्यान सुरक्षा कर्मी द्वारा रखा जा रहा था।
स्वास्थ्य कर्मी- जलार्पण शुरु होने से पहले एवं श्रद्धालुओं के सोने के बाद भी स्वास्थ कर्मी अपने-अपने कर्तव्य पर मौजूद थे। श्रावणी मेले के दौरान लगाये गये सभी स्वास्थ्य षिविर में स्वास्थ्य कर्मी श्रद्धालुओं की सेवा में दिखे। स्वास्थ्य षिविर द्वारा श्रद्धालुओं के लिए निःषुल्क व्यवस्था की गयी है। और इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी राहत मिल रही है।
सूचना सहायता कर्मी - बिछड़ों को मिलाने का कार्य सूचना सहायता कर्मी द्वारा किया जा रहा। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु जब अपने परिजनों से बिछड़ जाने से सूचना सहायता कर्मी अपने कर्तव्य का निर्वहण बहुत ही शालीनता के साथ करते हैं। श्रद्धालुओं को भोजन के साथ उनके घर तक छोड़ने का कार्य सूचना सहायता कर्मी द्वारा किया जाता है और किया जा रहा है। लगातार ध्वनि यंत्र के माध्यम से श्रद्धालुओं के परिजनों को ढंुढा जाता है एवं न मिलने पर उनके घर तक छोड़ा जाता है।
निःषुल्क आवासन की व्यवस्था - जिला प्रषासन सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा लगाये निःषुल्क आवासन की व्यवस्था की गयी है। श्रद्धालु बड़ी तादाद में यहां विश्राम के दौरान श्रद्धालु सड़क पर न सोयें इसके लिए जिला प्रषासन सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा 7 बजे बड़े-बड़े रौषनी युक्त पंडाल की व्यवस्था की गयी है। श्रद्धालु भारी तादाद में यहाँ विश्राम करते नजर आ रहे हैं।
बलिया की शांति देवी ने बताया कि पिछले कई वर्षो से आ रहा हँू पर इस वर्ष की व्यवस्था लाजबाव है। इतनी सुविधा कभी नहीं देखी। बक्सर के अमित कुमार ने कहा कि हर साल के भांति इस साल जिला प्रषासन की व्यवस्था बहुत ही अच्छी है। गोपालगंज की रोहित ने बताया कि इस साल मंदिर और पूरे मेला क्षेत्र की व्यवस्था बहुत ही अच्छी है जिसके लिए हम जिला प्रषासन को धन्यवाद देते हैं। दिल्ली के विक्की ने कहा कि हर साल की भांति इस साल बाबा वासुकिनाथ की व्यवस्था देखने लायक है जिला प्रषासन हर वे व्यवस्था कर रखी है जो हम सभी कांवरियों के लिए होनी चाहिए। जयपुर से आये अनुराग ने कहा कि बाबा वासुकिनाथ हर साल की भांति इस साल मंदिर और पूरे मेला क्षेत्र की व्यवस्था बहुत ही अच्छी है। जिला प्रषासन सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के द्वारा इस साल जो हमसब कांवरियों की निःषुल्क सोने की जो व्यवस्था की है यह ताबीले तारीफ है। हम इन सब व्यवस्था को देख कर जिला प्रषासन को धन्यावाद देता हँू।
भारी बारिष में भी बड़े तादाद में पहँुचे श्रद्धालु मलुटी...
सावन के 23 वें दिन आज गुरुवार को बारिष के बावजूद श्रद्धालु काफी तादाद में माँ मौलिक्षा के दर्षन करने 108 मंदिरों के गाँव से जाने-जाना वाला मलूटी पहँुचे। बोल-बम का नारा आज मलूटी में भी गंूजा। सभी श्रद्धालुओं ने माँ मौलिक्षा का दर्षन किया एवं टेराकोटा से बने 108 मंदिरों का दर्षन किया। देष के विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालु मलूटी के मंदिरों को देखकर अभिभूत हो रहे हैं। सभी श्रद्धालु एक स्वर में माँ मौलिक्षा के दर्षन को अकथनीय बताया। सभी श्रद्धालुओं ने कहा मलूटी तीर्थस्थान के साथ-साथ पर्यटन के लिए भी बेमिसाल जगह-जगह हैं। झारखण्ड, बिहार, बंगाल, नेपाल और भी अलग-अलग राज्यों से आने वाले श्रद्धालु माँ मौलिक्षा के मंदिर और टेरकोटा मंदिरों को अद्भूत बता रहे हैं। झारखण्ड धनबाद से आये कुंदन कुमार बिहार सरीफ से आये संतोष कुमार, सुनीता कुमारी, निरंजन कुमार ने बताया मलूटी वास्तव में ऐतिहासिक जगह है और सभी ने कहा हम सावन के बाद हम सब जरुर यहां कुछ दिन बिताकर मलूटी के मंदिरों को देखना चाहेंगे।


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