Saturday, 13 August 2016

दुमका, 12 अगस्त 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 493 
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016 वासुकिनाथधाम
सावन में श्रद्धालुओं कि ‘‘मन की बात‘‘...
मासव्यापी श्रावणी मेला अपने आखरी पड़ाव पर है। 6 दिन बाद सावन का यह पावन महीना और इससे जुड़ी यादें पुरानी किताब की तरह किसी कोने में मिलेगी। जिसे हम शायद चाह कर भी न भूल पायेंगे। इन दिनों अब तक देष-दुनिया से लाखों श्रद्धालुओं ने वासुकिनाथ आकर बाबा पर जलार्पण किया। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार का कष्ट न हो इसके लिए प्रषासन द्वारा सावन शुरु होने के पहले से ही पूरा ब्लू प्रिंट तैयार किया जा चुका था। सभी श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रषासन सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा निःषुल्क आवासन की व्यवस्था की गयी थी। स्वास्थ विभाग द्वारा निःषुल्क स्वास्थ्य षिविर खोला गया था। सफाई और स्वच्छता पर भी विषेष जोर दिया गया था। लेकिन श्रद्धालु यहां आकर क्या महसूस कर रहे हैं यह सबसे महत्वपूर्ण है इस दौरान हमने कुछ श्रद्धालुओं के मन की बात जानना चाहा। श्रद्धालुओं द्वारा बतायी जाने वाली ‘‘मन की बात‘‘ में सभी श्रद्धालुओं की एक बात काॅमन थी कि मंदिर प्रांगण और बाबा पर जलार्पण का वह चंद क्षण ही हमें अपनापन इस शहर से महसूस कराता है। सभी श्रद्धालुओं ने कहा प्रषासन द्वारा की गयी व्यवस्था पिछले कई वर्षों की अपेक्षा शानदार और जबरदस्त है। श्रद्धालुओं ने कहा पिछले कई वर्ष हम सब धक्का-मुक्की खाकर बाबा पर जलार्पण करते थे लेकिन इस वर्ष हमसबों ने बड़ी आसानी से बाबा पर जलार्पण किया। श्रद्धालुओं ने कहा षिवगंगा में की गयी व्यवस्था भी काबिले तारीफ है। सभी ने कहा कि जिला प्रषासन और सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा श्रद्धालुओं के लिए की गयी निःषुल्क आवासन की व्यवस्था का कोई तोड़ नहीं है इतनी साफ-सफाई और हवादार पंडाल पहले कभी नहीं देखा। बिहार से नरदेव ने अपने ‘‘मन की बात‘‘ बतायी उन्होंने कहा कि मैं पहली बार यहाँ आया हँू हलांकि मैं प्रत्येक वर्ष बाबाधाम आता था लेकिन इस वर्ष की प्रषासन द्वारा की गयी व्यवस्था बहुत अच्छी है। हमें कतार में पता ही नहीं चला कि कब हम मंदिर पहँुच गये। उन्होंने कहा वासुकिनाथधाम की व्यवस्था और यहाँ के लोग बहुत अच्छे है मैं अब प्रत्येक वर्ष जरूर आऊँगा। उत्तरप्रदेष से आये संजय तिवारी ने अपने मन की बात की कही कि जलार्पण के बाद मैं जिला प्रषासन सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा बनाये गये निःषुल्क पंडाल में आया मुझे व्यवस्था देखकर कुछ दिन यहीं रुकने का मन हो रहा है लेकिन और आने वाले श्रद्धालुओं को तकलीफ न हो इस वजह से मुझे जाना पड़ेगा। प्रषासन द्वारा की गयी व्यवस्था में खामी निकालना मुष्किल है। मैं अगले वर्ष पूरे परिवार के साथ वासुकिनाथधाम आऊँगा। नेपाल से आये शंकर चैधरी ने बताया इतनी बेहतरीन व्यवस्था मैंने यहां पहले नहीं देखी। मैं पिछले 15 वर्षों से आ रहा हँू लेकिन इस वर्ष की व्यवस्था पिछले वर्षों की अपेक्षा बेहतर और जबरदस्त है बिना धक्का-मुक्की के मैंने जलार्पण किया। मैं हर वर्ष आता हँू और बाबा के दरबार में आता ही रहँूगा। पष्चिम बंगाल से आए अनुराग दास ने बताया कि मैं अकेले ही आने वाला था लेकिन मैने यहां की व्यवस्था के बारे में अपने मित्रों से सुना इसी वजह से मैं आज अपने पूरे परिवार के साथ आया हँू। उन्होंने कहा कि मैं जिला प्रषासन सूचना जनसम्पर्क विभाग को धन्यवाद देता हँू जिन्होंने मुझे और मेरे परिवार को इतनी आसानी से जलार्पण कराया। वाराणसी से आए भरत गुप्ता ने अपने मन की बात बतायी कि मुझे प्रतीत होता था कि यहाँ आने की व्यवस्था नहीं होगी लेकिन बहुत अच्छी व्यवस्था है मैं देवघर से ट्रेन के माध्यम से आया और बड़ी आसानी से बाबा पर जलार्पण किया। मैं यहाँ आकर बहुत खुष हँू। खगड़िया से आए जुगल पुजहर ने बताया कि मैं 70 वर्ष का वृद्ध हूँ मुझे लगता था कि मैं जलार्पण नहीं कर पाऊँगा लेकिन मैं बड़ी आसानी से बाबा पर जलार्पण कर पाया। मैं बहुत खुष हँू जब तक जिंदा रहँूगा आऊँगा।


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