Saturday 13 August 2016

दुमका, 13 अगस्त 2016 
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 498 
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016 वासुकिनाथधाम
बचे दिनों में एक नयी ऊर्जा से श्रद्धालुओं की सेवा करें सुस्त न पड़े उक्त बातें आज दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने मंदिर परिसर के निरीक्षण के दौरान मेला में प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारियों एवं दण्डाधिकारियों तथा मेला व्यवस्था में लगे सभी कर्मियों से कही। उपायुक्त मंदिर कार्यालय पहँुचे एवं सबसे पहले सीसीटीवी के माध्यम से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया एवं मंदिर प्रांगण पहँुचकर श्रद्धालुओं की कतार का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी प्रतिनियुक्त अधिकारियों को निर्देष दिया कि ध्यान रहे मेला के बचे दिनों में श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेषानी न हो। उन्होंने सुरक्षा कर्मी को निर्देष दिया कि भीड़ कम देखकर आराम न करें हमेषा चुस्त रहे भीड़ कब बढ़ जाएगी ये किसी को पता नहीं होता इसलिए हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। 
उन्होने बताया कि वासुकिनाथधाम में मेला के 25वें दिन आज शाम 4ः00 बजे तक कुल 66,612 श्रद्धालु बाबा वासुकिनाथधाम पर जलार्पण किया। इनमें 1392 शीघ्र दर्षनम् दर्षनार्थी रहे। कुल चढ़ावा राषि 55614 रु जिनमें गोलक से 34200 एवं दान रसीद से 21414 रु रहा। चाँदी का द्रव्य से कुल 79 ग्राम रहा। 4 चाँदी का सिक्का 5 ग्राम विक्रय और 11 चाँदी का सिक्का 10 ग्राम विक्रय हुआ। इस तरह अबतक जलार्पण करने वालों कि कुल सुख्या 1846657 हो गई है। इनमें शीघ्र दर्षनम से 34117 कांवरियों रहे। डाकबम 11077 तथा जलार्पण काउन्टर से 314456 कांवरियों ने जलार्पण कर चुके हैं।
बांस से बने मचिया की खूब होती है खरीददारी...
श्रावणी मेले के दौरान वासुकिनाथधाम में आपको कंधे पर दोनों बगल लकड़ी के मचिया टंगे हुए व्यक्ति दिख जायेंगे। दरअसल इनकी दुकान कंधे पर होती है और ये सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में घुम-घुम कर बेचते हैं। मचिया शब्द अगर थोड़ा अजीब लगा तो बताता हँू ये है क्या। बांस के छोटे-छोटे डंडे से इसे बनाया जाता है और नीचे की तरफ साइकिल की पुरानी टायर लगयी जाती है ताकि मजबूती बने रहे। जामताड़ा जिला से आये लंकेष ने बताया कि प्रत्येक दिन मैं 100 पीस बेच देता हँू। एक जोड़ा की कीमत 180 रु और 240 रु है लोग बड़े शोक से इसकी खरीददारी करते हैं। उन्होंने बताया मैं यूपी, एमपी, पष्चिम बंगाल और अलग-अलग राज्यों में जा कर इसे बेचता हँू। लेकिन सावन के महीने में वासुकिनाथ आना नहीं भूलता एक महीना बाबा के दरबार में ही अपना दुकान लगाता हँू और यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करता हँू।
खिलौने की खूब होती है बिक्री...
वासुकिनाथधाम में श्रावणी मेले के दौरान बच्चों के लिए खिलौने की खूब होती है खरीददारी। यहाँ आने वाले श्रद्धालु खिलौने की खूब खरीददारी करते हैं। नंदी चैक से लेकर मंदिर परिसर तक सड़क के अगल-बगल और घूमकर खिलौना बेचने वाले दुकानदार दिख जायेंगे। चाइनिज बाॅल, कार, ट्रक, जेसीबी से लेकर हवाई जहाज तक आपको मेला क्षेत्र में मिल जायेगा। दूर -दूर से आने वाले श्रद्धालु घर लौटते वक्त बच्चों के लिए खिलौना जरुर खरीदते हैं। बंगाल से आए राकेष कुमार ने बताया कि प्रतिदिन मेरे दुकान से पंद्रह हजार रुपये की खरीददारी होती है। उन्होंने बताया कि मेरे दुकान में रिमोट से चलने वाली कार, हवाई जहाज, ट्रक और जेसीबी जैसे कई खिलौने मिलते जो श्रद्धालुओं को काफी पसंद आती है। उन्होंने बताया कि 1000 से लेकर 10 रु तक कि खिलौने मेरे दुकान में मौजूद है। उन्होंने बताया मैं प्रत्येक वर्ष आता हँू और आता ही रहँूगा। 


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