Tuesday 2 August 2016

दुमका, 2 अगस्त 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 448 
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016 वासुकिनाथधाम

लोहे के बर्तन की खूब होती है बिक्री...
श्रावणी मेला वासुकिनाथधाम में श्रद्धालुओं के लिए प्लास्टिक के सामान से लेकर लोहे के बर्तन तक की अनगनित दुकान लगयी गयी है। कई एसे दुकानदार ऐसे हैं जो प्रत्येक वर्ष यहां आते है तो कई इस बार प्रषासन के द्वारा की गयी व्यवस्था को देखकर आये हैं।
श्रावणी मेले के दौरान वासुकिनाथधाम में लोहे के बर्तन की खूब बिक्री हो रही है। यहां के बने बर्तन बंगाल, उत्तर प्रदेष, नेपाल, असम, बिहार और अलग-अलग राज्यों के लोगों को पसंद आती है।
पथरोल से आये बिक्की गुप्ता बताते हैं। मैं पिछले 20 वर्षों से बाबा वासुकिनाथधाम आ रहा हँु। लेकिन इस बार की बात ही कुछ ओर है। प्रतिदिन 10000 की खरीदारी यहाँ आने वाले श्रद्धालु द्वारा होती है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु वासुकिनाथधाम  और बैद्यनाथधाम की व्यवस्था से काफी खुष हैं। 
इंटरनेषनल लिट्टी चोखा जे न खाइलस ऊ पछतइलख...
बिहार, युपी, बंगाल और भी अलग-अलग राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी पसंद आ रहा है। पूरे 108 किमी फलाहार पर आने वाले वासुकिनाथधाम आने वाले श्रद्धालु जलार्पण के पष्चात लिट्टी चोखा काफी पसंद कर रहे हैं।
लिट्टी चोखा इतना पसंद आ रहा है कि दुकानवाले को श्रद्धालुओं संभालने  के लिए 10 स्टाफ रखने पड़े हैं।
धनबाद से आये राजेन्द्र प्रसाद बताते है कि प्रतिदिन में 1000 प्लेट लिट्टी चोखा श्रद्धालुओं को खिला पाता हँू। राजेन्द्र ने बताया कि मैं पिछले 5 वर्षों से आ रहा हँू और तरीके से लिट्टी चोखा खिलाकर श्रद्धालुओं की सेवा करता हँू।
उन्होंने बतायाा कि 4 लिट्टी का मैं 40 रु लेता हँू और श्रद्धालु बहुत खुषी खुषी आते हैं।
वासुकिनाथधाम में ही बनता है श्रद्धालुओं के लिए इलायची दाना...
श्रावणी मेले के दौरान यहाँ आने वाले श्रद्धालु इलायची दाना कि खरीददारी प्रसाद के रुप में करते ही है। बाबाधाम और वासुकिनाथ धाम में बड़ी मात्रा में इलायची दाना की मांग इन दोनों जगहों के बाजार में रहती है।
वासुकिनाथधाम स्थित इलायची दाने के कारखाने से हमें पता चला कि प्रतिदिन 3000 ाह का व्यपार श्रावणी मेले के दौरान इलायची दाना कर होता है। वासुकिनाथधाम में ही इतनी मांग रहती हैं कि हम कहीं ओर भेज नही सकते। उक्त बाते वहां काम कर रहे जितेंद्र मंडल ने बताया। उन्होंने बताया कि किसी दिन कम भी बिकता है यह श्रद्धालुओं पे निर्भर  करता हैं कि वे कितने की संख्या रहें हैं। लेकिन इस बार भारी संख्या में श्रद्धालु वासुकिनाथधाम आ रहे हैं इस वजह से मांग भी ज्यादा है। 
तलवार और हाॅकी स्टिक की खरीददारी करते हैं श्रद्धालु...
हर साल मेले के दौरान श्रद्धालुओं यहाँ से तलवार और हाॅकी स्टीक खरीदकर ही जाते हैं। उक्त बातें धनबाद से आये संजय खानी ने बताया। संजय बताते हैं शुद्ध लोहे से बने तलवार होने की वजह से श्रद्धालु तलवार और भी कई तरह लोहे का सामान खरीदकर ही जाते हैं।
प्रवीण ने बताया प्रतिदिन 15000 से 20000 हजार रुपये कि खरीददारी श्रद्धालु तलवार, हाॅकी स्टीक और अन्य लोहे से बने चीजों कि खरीददारी करते हैं।
उन्होंने बताया कि अधिकांष श्रद्धालु तलवार और हाॅकी स्टिक की खरीददारी करते है। सभी राज्यों के लोगों आते हैं तलवार खरीदते।
साफ सफाई में हम जुटे हुए हैं - मन्टू लाहा
श्रावणी मेले के चैदह दिन पूरे हो चुके हैं। लाखों श्रद्धालु वासुकिनाथधाम में जलार्पण कर चुके हैं। और हजारों लोग प्रतिदिन जलापर्ण के लिए आर हैं। प्रषासन स्वस्छता को लेकर गंभीर है। श्रद्धालु एक स्वच्छ अहसास लेकर वासुकिनाथधाम से अपने घर को वापस जायें इसके लिए प्रतिदिन वासुकिनाथधाम के चारों ओर एवं श्रद्धालुओं के सभी जगह जहाँ श्रद्धालु ठहरते हैं उनकी अच्छी तरह सफाई की जा रही है। यह बात मन्टू लाहा ने आज बताई। उन्होंने कहा कि माननीय विधायक एवं आयुक्त तथा उपायुक्त के दिषा निर्देष के आलोक में और तत्परता से सफाई किया जाएगा। मच्छड़ों को दूर करने के लिए रात में फाॅगिंग भी कराई जा रही है। 
उन्होंने कहा कि भीड़ बढ़ने से कई बार गंदगी बढ़ती है लेकिन उसे तुरंत दूर किया जा रहा है। सभी सफाई कर्मी सुबह के 3 बजे से सफाई में जुटे रहते जब तक पूरी तरह साफ न हो जाय। सभी सफाई कर्मी को उनके प्रतिनियुक्त पदाधिकारी अपने रडार पर रखे हुए है एवं जहाँ जितनी सफाई कर्मी की जरुरत हैं उसी अनुसार उसे भेजते हैं।









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