Sunday, 21 August 2016

दुमका, 17 अगस्त 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 512 
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016 वासुकिनाथधाम

मन में अगर  विष्वास हो कोई भी कार्य असंभव नही। इस बार की व्यवस्था पिछले दस वर्षों की अपेक्षा अच्छी थी। देष दुनिया से आये श्रद्धालु एक अच्छा संदेष लेकर अपने घर को गये। मुझे विष्वास है कि यहा की गई व्यवस्था का अनुसरण देष में आयोजित होने वाले बड़े मेले में किया जायेगा। उक्त बातें संथाल परगना के आयुक्त बालेष्वर सिंह ने राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016 के सम्मान समारोह में कही। उन्होंने कहा कि इस बार की व्यवस्था की जितनी भी साराहना की जाय कम है। उन्होंने दुमका और देवघर के उपायुक्त को मेला के दौरान हर छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि श्रद्धालुओं के ठहरने, पेयजल, लाईट, एवं शौचालय की व्यवस्था पर विषेष ध्यान दिया गया था इसके लिए मैं सभी विभागीय अधिकारियों को धन्यवाद देता हूँ। 
सम्मान समारोह में अभय कान्त प्रसाद को विषेष रूप से उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। नेत्रहीन बाल गायक सीताराम भारती एवं नर्तक गणेष मरीक और सागर मरीक तीनों को 5-5 हजार रू0 नकद पुरस्कार एवं प्रषस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। 
इस अवसर पर आयुक्त संताल परगना प्रमंडल बालेष्वर सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक देव बिहारी शर्मा, उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, एसडीएम जिषान कमर, पुलिस उपाधीक्षक रौषन गुड़िया, सुषील कुमार पाठक, अषोक कुमार सिंह, पुलिस निरीक्षक मनोज कुमार ठाकुर, बीके सिन्हा, पुलिस अवर निरीक्षक पंकज कुमार मिश्रा, बीडीओ जरमुण्डी संजय कुमार दास, सीओ जरमुण्डी परमेष कुषवाहा, नगर पंचायत अध्यक्ष मंटु कुमार लाहा, कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत ज्योति कुमार सिंह, सिविल सर्जन डा बीकेसाहा, डा रमेष कुमार, डा विजय कुमार तिवारी, एमपीडब्ल्यू आनन्द कुमार झा एवं बेहतर कवरेज के लिए पत्रकारों को सम्मानित करने की घोषणा की गई। वहां उपस्थित स्थानीय पत्रकार रूपेष कुमार लाली, आदित्य पत्रलेख, अक्षय विष्वास, अजय भारती, शंभू नाथ पंडा ने प्रषस्ति पत्र प्राप्त किया।        
इस अवसर पर संथाल परगना के डीआईजी देव बिहारी शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि जब सभी इतने अनुभवी लोग एक साथ मिलकर एक टीम की तरह कार्य करेंगे तो वो टीम को सफल होना है और वह टीम सफल हुआ। उन्होंने कहा वासुकिनाथधाम में हर समय मौजूद नही होता था लेकिन कोच अगर खेल के समय मैदान में मौजूद न हो तो समझ लिजीये की उसे अपने खिलाड़ियों पर पूरा विष्वास है। मुझे पूरा विष्वास था कि टीम दुमका इस बार जीतेगी। उन्होंने कहा कि मेला की सुविधा इतनी अद्भुत थी की इसकी चर्चा गांव-गांव एवं गली-गली में हो रही है। और इसका परिणाम यह निकला की वैसे भी लोग इस बार वासुकिनाथधाम आये जो नहीं आने वाले थे। उन्होंने कहा कि अनुमण्डल पदाधिकारी वासुकिनाथधाम में बिल्कुल नये थे लेकिन उनके कार्य करने की तरीका किसी अनुभवी से कम नही था। उन्होंने कहा कि अगर आपके मन में श्रद्धा है तो नया पुराना कुछ भी नही होता आपकी प्रतिबधता आपकी सफलता तक पहुंचाती है।
दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले वर्ष के अपेक्षा पाँच लाख से अधिक श्रद्धालु का वासुकिनाथधाम में आना यही हमारी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि आस्था के सैलाब की सेवा करने का मौका अगर मुझे मिले तो अपना जीवन धन्य समझूंगा उन्होंने कहा कि मैं तहे दिल से राज्य सरकार एवं संथाल परगना के आयुक्त को धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने राषि की कमी महसूस नही होने दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की विधि व्यवस्था के लिए मैं सभी समाजिक कार्यकर्ता मेला में जुुटे लोग सभी पदाधिकारी, सभी पुलिस कर्मी, सभी सुरक्षा कर्मी, दण्डाधिकारी पदाधिकारी, मीडिया कर्मी को धन्यवाद देता हूँ। उन्होंने कहा कि वासुकिनाथधाम की प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए मैं सभी लोगों को धन्यवाद देता हूँ। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पुलिस अधीक्षक की अनुपस्थिति से काफी परेषानी हुई थी लेकिन इस वर्ष पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति मात्र से ही सभी पुलिस कर्मी, सभी सुरक्षा कर्मी अपने-अपने स्थान पर समय से पूर्व मौजूद रहते थे इसके लिए मैं पुलिस अधीक्षक को तहे दिल से धन्यवाद देता हँू।
दुमका के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि सभी पुलिस कर्मी समय से अपने ड्यूटी पर मौजूद रहते थे। मैने कभी भी उनके चेहरे पर तनाव एवं झुंझलाहट महसूस नहीं किया। इसके लिए मैं सभी सुरक्षाकर्मियों को धन्यवाद देता हँू। उन्होंने कहा कि मेला से पूर्व की गई ब्रीफिंग एवं दिये गये आदेष का सभी सुरक्षाकर्मियों ने निष्ठा से पालन किया है। ड्यूटी को सिर्फ ड्यूटी न समझ कर सेवा की तरह अपनी ड्यूटी को निभाया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा द्वारा की गई व्यवस्था एवं दिषा निर्देष काफी अहम था एवं सभी लोगों ने उसका पालन किया इसके लिए मैं सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हँू।
सभा को अभय कान्त प्रसाद ने भी संबोधित किया तथा सबके प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि मेला की एक समीक्षा बैठक भी होनी चाहिए।












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