Wednesday 13 November 2019

दिनांक- 9 नवंबर 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-2006

अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद विवादित प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के दृष्टिगत सम्पूर्ण दुमका अनुमंडल सीमा अन्तर्गत धारा 144 लागू किया गया है। धारा 144 के अवधि में कोई भी व्यक्ति अनुमंडल दंडाधिकारी दुमका से बिना अनुमति प्राप्त किए लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं करेंगे। 
कोई भी संगठन अथवा उसके समर्थक द्वारा ऐसे कोई कार्य नहीं किया जाएगा जिसके विभिन्न जातियों धार्मिक एवं भाषायी समुदायों के बीच मतभेद बढ़ने या तनाव उत्पन्न होने की संभावना हो।

जिला में एवं विशेषकर अयोध्या के लिए किसी संगठन दल आदि द्वारा अयोध्या कूच का आह्वान नहीं किया जाएगा और ना ही किसी व्यक्ति को ऐसा करने के लिए उकसायेगा अथवा प्रोत्साहित करेगा।

किसी भी संगठन या उसके समर्थक द्वारा भवन स्वामी के लिखित अनुमति के बिना किसी भूखंड या दीवार का उपयोग ऐसे पोस्टर हैण्डबिल, होर्डिंग, कटआउट आदि ना तो लगाएगा और ना ही बांटेगा जिससे किसी वर्ग विशेष में उत्तेजना फैले या आपत्ति हो।

कोई भी व्यक्ति धर्म/समुदाय/जाति/भाषा के आधार पर सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित करने का प्रचार अथवा अपील नहीं करेगा और ना ही किसी व्यक्ति को ऐसा करने के लिए उकसाएगा अथवा प्रोत्साहित करेगा।

कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र जैसे आग्नेयास्त्र, बंदूक, राइफल, पिस्तौल, रिवाल्वर, तलवार, कटारी, गुप्ति, चाकू, त्रिशूल, लाठी, चिगटा, स्ट्रीट भाला एवं किसी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ जैसे हाथगोला, तेजाब लेकर नहीं चलेगा और ना ही किसी व्यक्ति को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

कोई व्यक्ति अफवाह नहीं फैलाएगा और ना ही अफवाह फैलाने के लिए किसी को प्रोत्साहित करेगा। इसके अधीन सोशल मीडिया पर टिप्पणी संदेश साझा (शेयर) किया जाना भी सम्मिलित है। सोशल मीडिया के माध्यम से धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास अथवा धर्म के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी सर्वथा वर्जित रहेगा।

सभी सोशल मीडिया/व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी की स्थिति में इसकी सूचना अविलम्ब विर्निदृष्ट समय के अधीन डायल 100 अथवा कंट्रोल रूम नंबर 8825253909 पर देना सुनिश्चित करेंगे।

कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थल पर या धार्मिक स्थल पर सड़क या मकान के छत पर ईट, पत्थर का ढेर बोतल, शीशा, कांच के टुकड़े इत्यादि एकत्रित नहीं करेगा। और ना ही ऐसा करने के लिए उकसायेगा अथवा प्रोत्साहित करेगा।

उपरोक्त के आलोक में किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन या विजय जुलूस माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना माना जाएगा।

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