Wednesday 8 April 2020

दिनांक- 08 अप्रैल 2020
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-313

उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा नोबेल कोरोनावायरस को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया गया है। संपूर्ण भारतवर्ष में भी कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। इस महामारी के रोकथाम एवं बचाव हेतु भारत सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा कई तरह के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके अनुसार कोरोनावायरस एक संक्रामक महामारी है। 

उन्होंने कहा कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत ही हानिकारक है तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृत्ति यत्र तत्र थूकने की होती है। तंबाकू का सेवन कर थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और यह संचारी रोगों के फैलने का प्रमुख कारण बन सकता है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारियों यथा कोरोना, इंसेफेलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू इत्यादि के संक्रमण फैलने की संभावना प्रबल रहती है। तंबाकू सेवन करने वाले व्यक्ति सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी फैला कर वातावरण को दूषित करते हैं जिससे कोरोनावायरस सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियों के फैलने के लिए उपयुक्त परिस्थिति तैयार होती है। 

उपायुक्त ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 268 या 269 के अनुसार कोई भी व्यक्ति यदि ऐसा विधि विरुद्ध अथवा उपेक्षापूर्ण कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकट पूर्ण रोग का संक्रमण फैलना संभव हो उस व्यक्ति को 6 माह की अवधि तक का कारावास अथवा ₹200 तक के जुर्माना से दंडित किया जा सकता है। 

उपायुक्त ने कहा कि सभी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। प्रतिबंधित स्थलों पर धूम्रपान निषेध का उल्लंघन करने पर दंड स्वरूप ₹200 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। विदित हो कि तंबाकू सेवन के उपरांत उसे यत्र तत्र थूकने को निषिद्ध करने से वातावरण को स्वच्छ रखने के साथ यह कदम सरकार के नोबेल कोरोनावायरस जैसी विश्वव्यापी महामारी से बचाव तथा "स्वच्छ-भारत स्वस्थ-भारत" अभियान में भी अहम योगदान होने के साथ-साथ जन स्वास्थ्य को उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा। 

उपायुक्त ने कहा कि जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए दुमका जिला के सभी सरकारी/गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर, सभी स्वास्थ्य संस्थानों एवं परिसर, सभी शैक्षणिक संस्थानों एवं परिसर, तथा सभी थाना एवं परिसर में किसी भी प्रकार का तंबाकू पदार्थ सिगरेट, बीड़ी, खैनी, गुटखा, पान मसाला, जर्दा इत्यादि का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी पदाधिकारी, कर्मचारी अथवा आगंतुक उक्त नियम का उल्लंघन करते हैं तो संबंधित के विरुद्ध उपरोक्त प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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