दिनांक: 16 मई 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या -568
सौतेली मां ने लाठी से पीटा तो घर से भाग गयी बालिका
गोपीकांदर की सड़क पर रोते हुए मिली थी 16 वर्षीय बालिका
सौतेली मां ने लाठी से पीटा तो 16 वर्षीय बालिका घर से भाग गयी और पैदल चलते हुए वह गोपीकांदर पहुंच गयी। गोपीकांदर थाना क्षेत्र में पिछले दो दिन से भटक रही इस बालिका को सोमवार को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया गया। स्थानीय महिला द्वारा बताया गया कि बालिका गोपीकांदर के खरौनी बाजार में सड़क पर रोते हुए मिली। उसे अपने साथ घर ले गयी और बीडीओ को इसकी सूचना दी। उसके उपरांत उसे लेकर सीडब्ल्यूसी लेकर आयी। सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार और सदस्य डा. राजकुमार उपाध्याय ने बालिका का बयान दर्ज किया। बालिका ने बताया कि उसकी मां की मृत्यु हो चुकी है। उसके पिता अत्याधिक शराब पीते हैं और उसे मारते-पीटते हैं। मां की मृत्यु के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली है। सौतेली मां उसे स्कूल नहीं जाने देती है और मारती-पीटती है। उसकी सौतेली मां उसे इतना भोजन भी नहीं देती है जिससे उसका पेट भर सके। एक सप्ताह पूर्व जब वह दूसरे से मांग कर खाना खा रही थी तो उसे मां ने लाठी से पीट दिया जिसपर वह घर से भाग गयी। समिति ने बालिका से उसके पिता का नाम और घर का पता पूछा तो वह ठीक तरह से नहीं बता सकी क्योंकि वह पूरी तरह से सामान्य नहीं है। उसने पिता का नाम महान किस्कु और गांव पथरिया (कुरमाहाट के पास) बता रही है। वह अपने भाईयों का नाम बली और लक्ष्मण बताती है। चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि बालिका अपने पिता, भाई और माता का नाम सही से नहीं बता पा रही है। उसके द्वारा बताया गया घर का पता भी सही प्रतीत नहीं होता है। इसलिए बाल कल्याण समिति ने बालिका के सर्वोत्तम हित में उसका फोटो जारी करने का निर्णय लिया ताकि उसकी पहचान स्पष्ट हो सके और उसके अभिभावकों तक पहुंचा जा सके। समिति ने उसे सीएनसीपी (चाइल्ड इन नीड, केयर एंड प्रोटेक्सन) घोषित करते हुए बालिका को धधकिया स्थित बालगृह (बालिका) में आवासीत कर दिया है। जिला बाल सरंक्षण पदाधिकारी (डीसीपीओ) प्रकाश चंद्र ने बताया कि बालिक के सम्बंध में प्राप्त सूचना मिसिंग चाइल्ड/ट्रैक द चाइल्ड पोर्टल पर अपलोड कर उसके परिजन की खोज की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति को इस बालिका/परिवार के बारे में कोई जानकारी हो, तो वे इस सम्बंध में सीडब्ल्यूसी, चाइल्डलाइन या डीसीपीओ को सूचित कर बालक को उसके परिवार से मिलाने में मदद कर सकते हैं।
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