दिनांक- 30 अप्रैल 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-506
सरैयाहाट के एक खेत में लावारिस हालत में मिली नवजात बच्ची
सीडब्ल्यूसी ने नवजात को अपने संरक्षण में लिया,
दो उपेक्षित बच्चियों व एक अनाथ बच्ची को समिति ने भेजा बालिका गृह
सरैयाहाट प्रखण्ड के ककनी गांव के एक खेत में शनिवार की सुबह तीन दिन की एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में पायी गयी, जिससे माँ की ममता और इंसानियत दोनों शर्मसार हो गई। शनिवार की सुबह जैसे ही नवजात शिशु के देखे जाने की खबर फैली, उसे देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। गांव की कई महिलाओं ने उसे गोद में लेकर प्यार दुलार किया। गांव की महिलाएं उस निर्दयी मां को कोसती दिखीं, जिसने जन्म के साथ ही उस अनाथ को खेत में फेंक दिया था। पास में रहनेवाली रीना देवी ने बच्चे को गोद में उठाया और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गयी। सूचना मिलने पर सरैयाहाट थाना के एएसआई बाबूधन टुडू ने नवजात बच्ची को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी, रंजन कुमार सिन्हा और महिला सदस्य नूतन बाला ने इस मामले की सुनवायी करते हुए, रीना देवी का बयान दर्ज किया। उसने अपने बयान में बताया कि वह निःसंतान है, शनिवार की सुबह नौ बजे जब शोर सुनकर वह घर से निकली तो देखा कि पास के खेत में लोगों की भीड़ लगी है। नजदीक जाकर देखा तो खेत की आर पर एक बच्ची लावारिश अवस्था में पड़ी थी। उसने बच्ची को गोद में उठा लिया। वह बच्ची को लेकर सरैयाहाट सीएचसी गयी, जहां बच्ची को स्नान करवाया गया और साफ किया गया। वहां बच्ची को टीका दिया गया और पोलियो की दवा पिलायी गयी। अस्पताल से बच्ची के लिए दूध, बोतल और दो गमछा भी दिया गया। सरैयाहाट थाना से पुलिस अस्पताल पहुंची और बच्ची के साथ उसे लेकर सीडब्ल्यूसी आयी। समिति ने नवजात बच्ची को सीएनसीपी (चिल्ड्रेन इन नीड ऑफ केयर एंड प्रोटेक्सन) घोषित करते हुए , उसे स्पेशलाइज्ड एडोप्सन एजेंसी (एसएए) को सौंप दिया।
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चन्द्र ने बताया कि शिशु के जैविक माता-पिता की खोज 60 दिनों तक कराई जाएगी और निर्धारित समय सीमा के अंदर यदि शिशु के अभिभावक सामने नहीं आते हैं ,तो बच्ची को एडोप्सन के लिए बाल कल्याण समिति के द्वारा "लीगली फ्री "घोषित कर दी जाएगी। उसे के बाद शिशु को कारा के गाइडलाईन के अनुसार कारा में पूर्व से निबंधित (www.cara.nic.in )व्यक्ति / दंपति को गोद दे दिया जाएगा।
शनिवार को सीडब्ल्यूसी के समक्ष एक अनाथ और दो उपेक्षित बच्चियों को भी प्रस्तुत किया गया। जरमुण्डी थाना क्षेत्र के पेटसार पंचायत की तीन व चार वर्ष की दो बच्चियों की मां की दो साल पूर्व आग लगने से मौत हो गयी थी और उसके पिता काम के लिए पंजाब चले गये जहां से वह वापस नहीं लौटे। बच्चियों की नानी ने अधिक उम्र होने के कारण उनके पालन-पोषण में असमर्थता जतायी। वहीं दुमका मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक स्कूल की शिक्षिका ने 11 वर्षीय बालिका को समिति के सामने प्रस्तुत किया जिसके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है और जिस परिवार में बच्ची रह रही थी, वह परिवार काम के लिए 01 मई को पश्चिम बंगाल जानेवाला है। इस बच्ची की बहन और भाई पहले से सीडब्ल्यूसी के आदेश पर बालगृह बालक एवं बालिका में आवासित हैं। समिति ने तीनों बच्चियों को सीएनसीपी घोषित करते हुए धधकिया स्थित बालिका गृह में आवासीत कर दिया है।
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