Friday 29 July 2016

दुमका, 29 जुलाई 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 422 
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016

अचार और सूप-डलिया लिये बिना घर नहीं जा सकते हैं...
-रीता देवी, सीता देवी, रंजना पाण्डे, फूलन देवी
वासुकिनाथधाम जितना धरणाधारियों के महादेव के लिए प्रसिद्ध है उतना ही अचार सूप और डलिया की खरीददारी के लिए भी विख्याता है। बाबाधाम तक कांवर की पैदल यात्रा के बाद पूजा की पूर्णता वासुकिनाथधाम पर जलार्पण से होने की परम्परा रही है। वासुकिनाथधाम मंे जलार्पण के बाद सैकड़ों वर्ष से सूप, डाली और अचार खरीदकर लोग ले जाते हैं। कुषीनगर की रहने वाली रंजना पाण्डे ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से में वासुकिनाथधाम आ रही हूं एवं हर वर्ष मैं यहां से याद रख कर आचार एवं सूप डाली लेकर ही वापस जाती हूं उन्होंने बताया कि यहां से खरीद कर ले जाया गया सूप डाली हमसब छठ पूजा में उपयोग करते है। कुषीनगर से आये विषु प्रसाद सिंह, रीता देवी, सीता देवी, फूलन देवी ने कहा कि वासुकिनाथधाम से बिना सूप डाली के हम कभी वापस नही जाते। मेले के दौरान चुड़ी, आचार, सूप डाली, पेड़ा, चुड़ा, सिन्दूर, बाबा वासुकिनाथ के तस्वीर, लौहे से बना समान आदि की खूब बिक्री होती है।
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का एलईडी वैन कर रहा प्रचार प्रसार 
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016 के अवसर पर मुख्य प्रदर्षनी षिविर सह सूचना सहायता षिविर के सामने एवं वासुकिनाथधाम के सभी महत्वपूर्ण जगहों पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के चलन्त प्रचार वाहन के द्वारा यहां आने वाले श्रद्धालुओं को झारखण्ड के पर्यटन स्थल, त्योहार, वेष भूषा, संस्कृति एवं सरकार के उपलब्धियों के बारे में दिखाया जा रहा है।
विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालु इस प्रचार वाहन से झारखण्ड राज्य के पर्यटन स्थल संस्कृति वेष भूषा के बारे में जान कर अभिभूत हो रहे है। प्रतिदिन यहां आने वाले हजारों लोग झारखण्ड सरकार के उपलब्धियों को जान रहे है एवं सूचना सहायता षिविर में आकर सरकार के एवं झारखण्ड के बारे में जानने की रुचि दिखा रहे है।
गणतंत्र दिवस में मलुटी का नाम पूरे देष में जानने के बाद विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालु 108 मंदिरों का गाँव मलुटी एवं माँ मौलिक्षा के बारे में चलन्त प्रचार वाहन के माध्यम से जान रहे है। गोरखपुर कुषीनगर के रहने वाले विजय प्रसाद सिंह ने कहा कि मुझे इस वाहन के माध्यम से वासुकिनाथधाम में ही संपूर्ण झारखण्ड का दर्षन हो गया। मैं जरुर घुमने के उद्ेष्य से अपनी परिवार जनों के साथ झारखण्ड आउँगा। 

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