Sunday 31 July 2016

दुमका 31 जुलाई 2016 
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 436 
 राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016

मेरा कद छोटा है, मगर मैं आसमां हँू...
- गणेष मरीक
जब कोई भी जीवन इस पृथ्वी पर जन्म लेता है और अपने सबसे छोटे रुप में होता हैं। फिर क्यों न वो जीव जंतू हो या मानव, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है कमोबेस उसका रंग रुप व आकार बदलने लगता हैं। एक छोटा बच्चा भी उम्र की सीढ़िया चढ़ते-चढ़ते बुढ़ापे के ढहलीज पर पहँुच जाता है वक्त की रफतार उसे इस बात का अहसास भी नहीं होने देते।
इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले हर एक जीवन को रंग, रुप, आकार उसके लिए महत्वपूर्ण होता है। लेकिन इसान के लिए ये सारी चीजें और भी ज्यादा जरुरी हो जाती है उससे भी ज्यादा इस समाज के लिए इस दुनिया के लिए जरुरी होता है।
इस सभ्य समाज में लोग न जाने क्यों एक इसान को उसके गुणों से कम उनके कमियों से ज्यादा पहचानते हैं। आज हम बात कर रहे हैं 45 वर्षीय गणेष मरीक की। कद से बोने होने के वजह से उन्हें बहुत परेषानियों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि मेरा कद छोटा तो जरुर है मगर मैं किसी से कम नहीं हँू। परेषानियां जरुर आती है मगर मैं उनसे लड़ता हँू और हर बार सफल होता हँू।
जिला दुमका  पो0 बनवारा ग्राम बनवारा के रहने वाले गणेष मरीक ने बताय कि 2006 में मिठाई दुकान में काम करता था लेकिन कद छोटा हाने से मैं काम नही कर पाता था फिर मैंने उस काम को छोड़ कर अपने घर पर ही छोेटा सा व्यवसाय करता हूँ एवं अपने परिवार का भरण पोषण करता हूँ।
गणेष मरीक ने बताया मैं हर वर्ष सावन के महीने में सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित मयूराक्षी कला मंच के स्टेज पर अपने बेटे के साथ नाच कर श्रद्धालुओं का मनोरंजन करता हँू और मुझे अच्छा लगता है।
मैं अपने 7 वर्ष के बेटे के साथ प्रतिदिन यहाँ आकर श्रद्धालुओं का मनोरंजन करता हँू और बाबा वासुकिनाथ का सेवा मैं अपने छोटे कद से करता हूँ। उन्होंने बताया कि हर वर्ष सावन के मेले से पूर्व जरमुण्डी के बीडीओ संजय कुमार दास मुझे बोल बम का कपड़ा देते हैं जिसे पहनकर मैं नाचता हूँ।
उन्होंने बताया कि अपने 4 बेटे का भरण पोषण करता हूँ पर भीख नहीं मांगता। उनके 7 वर्ष का पुत्र सागर मरीक जो की कद मे छोटे है बताया कि मैं पढ़ाई करता हूँ लेकिन 1 महीना अपने माँ बाबूजी के लिए सावन के पूरे 1 महीना अपने बाबूजी को साथ देता हँू।
अंत में उन्होंने बताया कि असली धन्यवाद के पात्र तत्कालीन डीपीआरओ अजय नाथ झा सर हैं जिन्होंने मुझे 2006 में यह मंच श्रद्धालुओं के मनोरजन के लिए प्रदान किया था। उप निदेषक जनसम्पर्क अजय नाथ झा ने कहा कि उपायुक्त के द्वारा नेत्रहीन दिव्यांग बालक सीताराम भारती के साथ साथ गणेष मरीक एवं उनके पुत्र को समापन समारोह में सम्मानित किया जायेगा तथा सम्मान राषि 5-5 हजार रू0 दी जायेगी। आयुक्त संताल परगना प्रमंडल बालेष्वर सिंह ने सीताराम भारती को जिला प्रषासन की ओर से 5 हजार रू0 दिये जाने की घोषणा की थी।




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