Friday 22 July 2016

दुमका, दिनांक 22 जुलाई 2016 
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 389 
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2016 वासुकिनाथधाम
श्रावणी मेला के तीसरे दिन शुक्रवार को अपराह्न 4 बजे तक 40418 श्रद्धालुओं ने बाबा वासुकिनाथ पर जलार्पण किया। इनमें 38006 भक्तों ने स्पर्ष जलार्पण तथा 2412 श्रद्धालुओं ने जलार्पण काउन्टर के माध्यम से जलार्पण किया। 310 शीघ्र दर्षनम दर्षनार्थी रहे। नकद चढ़ावा राषि 50,752 रू0 रहा जिनमें गोलक से 44,150 रू0 तथा दान पेटी से 6,602 रू0। चढ़ावा चांदी का द्रव्य कुल 100 ग्राम रहा। 4 चांदी का सिक्का 10 ग्राम का विक्रय हुआ। 
वासुकिनाथ धाम में प्रातः 3 बजे मेला दण्डाधिकारी सह बीडीओ संजय कुमार दास द्वारा पट खुलवाया गया। स्थानीय महिलाओं द्वारा कांचा जलार्पण तथा मंदिर में पुरोहित पूजा के बाद प्रातः 4:05 बजे कांवरियों के द्वारा जलार्पण शुरु कर दिया गया। 
आज दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा और एसडीओ दुमका जिषान कमर ने सभी चेक पॅइन्ट का निरीक्षण किया। कांवरिया रूट लाईन, मंदिर के आसपास, मंदिर परिसर तथा गर्भ गृह की पूरी गतिविधि पर निगरानी सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से रखी जा रही है। उपायुक्त ने कांवरियों का हाल लेते हुए उनके अनुभवों के बारे में बात की तथा उनसे फीडबैक लिया। 
विधिव्यवस्था की जानकारी पुलिस उपाधीक्षक रोषन गुड़िया ने लिया तथा पुलिस उपाधीक्षक अषोक कुमार सिंह एवं पुलिस निरीक्षक मनोज सिंह के साथ तमाम पुलिस अधिकारी एवं कर्मी ड्यूटी पर मुस्तैद रहे। 
बिछड़े को मिलाया - बिहार के मधुबनी जिला केे मधुवापुर गांव की रहने वाली 6 वर्षीय प्राची कुमारी अपने मां बाप के लिए बेज़ार हो रही थी। सूचना सहायता कर्मियों ने मोबाईल के माध्यम से सम्पर्क कर बच्ची को उनके परिजनों से मिला दिया गया। सूचना सहायता कर्मियों ने कल देर रात घायल परिजन को रेफरल अस्पताल तक पहुंचाया। सूचना सहायता षिविरों में विश्राम करने वाले कांवरियों की देखभाल की। 
12 स्वास्थ्य षिविरों में 673 कांवरियों का इलाज किया गया तथा मुख्य प्रषासनिक षिविर के स्वास्थ्य षिविर से जहानाबाद की एक कांवरिया 65 वर्षीय जालिम सिंह की स्थिति बिगड़ जाने पर उसे तत्काल एम्बुलेंस से रेफरल अस्पताल भेजा गया। स्वास्थ्य षिविर में सभी चिकित्सक तथा पारामेडिकल स्टप ड्यूटी पर मुस्तैद पाये गये। बेलटीकरी की सहिया सकिला बीबी ने कहा कि पिछले छः वर्षों से सावन में कांवरियों की सेवा वह कर रही हैं। वे इसे अपने जीवन का सबसे पावन कार्य मानती हैं। उनके निष्ठा और सेवा को कांवरियों ने सलाम किया।  
मुख्य प्रदर्षनी षिविर में मयूराक्षाी कला मंच से भक्तिमय प्रस्तुति आज भी जारी रही।







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