Sunday, 25 December 2022

दिनांक-11 दिसंबर 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1400

 दिनांक-11 दिसंबर 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1400


माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री आलमगीर आलम, माननीय कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्री बादल पत्रलेख, माननीय विधायक श्री बसंत सोरेन एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा पलाश अजीविकोत्सव सरस मेला 2022 का विधिवत उद्घाटन किया गया।


कार्यक्रम का संबोधन करते हुए माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री आलमगीर आलम ने कहा कि आज के कार्यक्रम में ग्रामीण विकास की ओर से आप सभी को हार्दिक अभिनंदन है। सरस मेला के आयोजन का एक सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि ग्रामीण महिलाओं, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों के आजीविका में वृद्धि की जाए। उनके आई वृद्धि तथा सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को नई पहचान देने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी। ग्रामीण क्षेत्र के महिलाओं के रोजगार में वृद्धि हुई हैं तथा वे खुद स्वावलंबी बनी है। इससे राज्य में रोजगार की समस्या अवश्य ही कम होगी। कोविड-19 के दौरान जब पूरा देश में अफरा-तफरी मची हुई थी तब भी हमारी सरकार ने विभिन्न योजनाओं का निर्माण किया। वही योजनाएं अभी धरातल पर उतारा जा रहा है। हमारे इस मिशन का मात्र एक मकसद है कि गांव के लोगों को स्वावलंबी, सुखी और हर एक के चेहरे पर मुस्कान मिल सके। इस दिशा में ग्रामीण विकास विभाग कार्य योजना तैयार कर चुकी है। हमारी सखी मंडल की बहन कई वस्तु निर्माण करती है अब हम उन तक पहुंच कर उनकी बातों को सुनेंगे तथा अपने बातों को भी रखेंगे। इस प्रकार उनके सभी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेंगे। इस मेले में झारखंड के सभी जिले के स्टाल लगे हुए हैं यहां ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी स्टाल खोलकर बैठे हुए हैं। झारखंड में सत्य मंडल के देशों द्वारा उत्पादन तथा वस्तु का निर्माण किया जा रहा है। सभी वस्तुओं को एक साथ प्रदर्शित करने तथा अपनी कला को दुनिया में साबित करने का बहुत बड़ा माध्यम है। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त तथा स्वावलंबी बनाने का हमारा प्रयास जरूर पूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि पलाश अजीविकोत्सव सरस मेला को लेकर महिला उद्यमियों में खास उत्साह है। उत्पादों के बिक्री व प्रदर्शनी के लिए जीविका, स्वरोजगार ( एसएचजी), व अन्य राज्यों की महिला उद्यमियों के लिए लगभग 150 स्टॉल लगाए गए है।इस मेले में लोककला, हस्तशिल्प कला, हैंडलुम के परिधान, हस्तनिर्मित गृह- सज्जा का सामान, खाद्द सामग्रि आदि सभी तरह के सामानों के स्टॉल्स लगाए गए है। इससे महिला उद्यमियों के जीविकोपार्जन में सहायक होगा। मेले के माध्यम से झारखंड की महिलाओं को भी व्यवसाय मॉडल के संबंध में जानकारी मिलेगी। मेला से यहां की महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी और सकारात्मक भूमिका रहेगी।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व महसूस होता है कि जो सपना 2011 में मिनिस्ट्री ऑफ रूरल डेवलपमेंट ने देखा था, एन आर एल एम के तहत वह सपना आज जाकर धरातल पर उतरती हुई प्रतीत हो रही है। एनआरएलएम जिसका नोडल एजेंसी जेएसएलपीएस है। हमारे अंडर प्रिविलेज दीदियों और बहनों को एंपावर करने के लिए है। सेल्फ एंप्लॉयमेंट को प्रमोट करने के लिए है। और इसके तहत माननीय मुख्यमंत्री जी के दिशा निर्देश पर और माननीय मंत्री आलमगीर आलम साहब के मार्गदर्शन में निरंतर नई उपलब्धियां हासिल की जा रही है। जिस की गवाही महिलाओं के चेहरे पर एक आशा भरी मुस्कान, एक उम्मीद जो वर्तमान सरकार से है, इस संस्था से है। और इस तरह के आयोजन से इनके कर्मों को सम्मान देती है। जो उनके उत्पादों को बाजार देती है। रांची के कांके स्थित कृषि विभाग का एक बड़ा भूखंड पलाश मार्ट के लिए एनओसी दी गई है। यह मार्ट बहुत ही अच्छे जगह पर बनेगा। यहां से लोग खरीदारी करेंगे तथा वस्तुओं को बाजार मिलेगा। संथाल परगना जैसे सुदूर प्रदेश में राज्य स्तरीय इस मेले का आयोजन करना माननीय मंत्री आलमगीर आलम के सोच को दर्शाता है तथा आपके प्रति प्यार को दिखाता है तथा स्थानीय विधायक श्री बसंत सोरेन के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए यह मेला प्रतीत होता है। हमारा प्रयास है कि राज्य के सभी महिलाओं को एक सम्मान मिले उनके सपनों को सच करें। विभिन्न अवसर देकर उन्हें प्रमोट किया जा सके। आप सभी महिलाओं के लिए एक अवसर है। आप अपने आप किसी के ऊपर निर्भर नहीं रहेंगे, आपकी खुद की इनकम बढ़ेगी। महिलाओं को अपने परिवार में, अपने गांव में, प्रशासन में सम्मान का इजाफा मिला है। शासन प्रशासन मिलकर आपके हर सपने को पूरा करने के लिए निरंतर कार्य योजना तैयार कर धरातल पर उतार रही है। आने वाले दिनों पर हम चाहते हैं कि दुनिया ऑर्गेनिक खेती पर ध्यान दें आपके उत्पाद का संवर्धन हो, मूल्यवर्धन हो। उसके लिए आपको वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की जरूरत है। उत्पाद बढ़ाने की जरूरत है। सरकार आपको सहायता देगी। अनुदानित दर पर कृषि विभाग द्वारा मशीन से लेकर ट्रैक्टर तक दिया जाता है। 90 तथा 100 परसेंट अनुदान पर खेती के लिए रवि फसलों के लिए बीज तक उपलब्ध कराया गया है। आपके मनोबल को बढ़ाने के लिए हमने कहीं कोई कसर नहीं छोड़ा है।



कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक श्री बसंत सोरेन ने कहा कि यह सरस मेला अपने आप में एक अद्भुत है। आज यहां की माताएं और बहनों की मेहनत का रूप हम लोग के बीच में है। हम देश विदेशों के बाजार को बताने में सक्षम है कि हमारे हाथों में क्या हुनर है। कुछ दिन पहले दुमका उपायुक्त महोदय के साथ घाशीपुर पंचायत पहुंचे थे। वह हमने जो कलाकृति, हुनर हमने देखा और जो जानकारी प्राप्त हुई कि यहां के माताएं बहने जो वस्तु का निर्माण करती हैं। वह देश में ही नहीं विदेश में सप्लाई होता है।  हमें गर्व है कि ऐसी जगह को ऐसी जगह से हम विधायक हैं जहां की माताएं बहने अपनी कला को विदेशों में प्रदर्शित करती हैं। यह बहुत बड़ी गौरव की बात है। इसके लिए मैं राज्य सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं कि सरकार निरंतर यहां की माताओं बहनों के सशक्तिकरण हेतु कई कार्य कर रही है। और मैं उम्मीद करता हूं कि हमारी हुनर को पूरे देश में ही नहीं विदेशों में भी पहचान मिलेगा। मैं दुमका का विधायक होने के नाते आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं हर समय आपके साथ हूं, कोई भी आवश्यकता हो किसी भी तरह की मदद की आवश्यकता हो आप मुझे सीधा संपर्क करें मैं आपके साथ हूं। 


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला परिषद अध्यक्ष जॉइस बेसरा ने कहा कि आज का यह मेला दुमका के लिए बहुत जरूरी था। हमारी सरकार में दूरदर्शिता है। इन महिलाओं को जो बहुत ही गरीब है उनको एक बाजार उपलब्ध कराया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान हमने देखा है गांव की महिलाओं को कई तकनीकों से जोड़कर वस्तु निर्माण कराया जा रहा है जैसे चटाई, रुमाल, टेबल क्लॉथ, मोमबत्ती, अगरबत्ती, मशरूम इत्यादि का निर्माण किया जा रहा है। अपने हुनर का इस्तेमाल कर महिलाएं अब किसी के ऊपर निर्भर नहीं रहेंगे। माननीय मुख्यमंत्री महिलाओं को बाजार उपलब्ध कराने में तत्पर है। आने वाले दिनों में ये एक औद्योगिक क्रांति साबित होगी। अगर इस तरह के मेले का आयोजन होता रहेगा तो पूरे वर्ष मेहनत कर महिलाएं और उत्सुकता से कई वस्तुओं का निर्माण करेंगी तथा मेले से उन्हें आई वृद्धि भी होंगी।


संबोधन के उपरांत सभी माननीय अतिथियों द्वारा गांधी मैदान में लगे स्टॉल का निरीक्षण किया गया। 

सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत पाइका, छऊ नृत्य, प्राचीन लोकनृत्य नटुवा, शिकारी जैसी अद्भुत नृत्य रूपों के कार्यक्रम का आयोजन हुआ।


















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