Sunday 25 December 2022

दिनांक-18 दिसंबर 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1424

 दिनांक-18 दिसंबर 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1424


कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (मत्स्य प्रभाग), झारखण्ड, राँची के ""केज कल्चर विस्तार और सुदृढीकरण योजना अन्तर्गत रानेश्वर प्रखण्ड के नन्दना ग्राम में अवस्थित परित्यक्त पत्थर खदान में केज कल्चर के माध्यम से मत्स्य पालन करने तथा स्थानीय ग्रामीणों और विस्थापितों की आय में बढ़ोत्तरी हेतु 12 केज बैट्री (24 केज) का निर्माण जिला मत्स्य कार्यालय, दुमका के द्वारा किया गया। इसके संचालन हेतु ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में स्थानीय युवाओं को शामिल करते हुए 24 सदस्यों का "कावेरी केज कल्चर समूह का गठन किया गया।


परित्यक्त पत्थर खदानों में केज कल्चर मुख्यतः G1 पाईप से बने 8mX6mX5m के दो केज (एक बैट्री) केज के अधिष्ठापन हेतु मो0 3.58 लाख रू0 प्रति केज बैट्री की दर निर्धारित की गई है, जिसमें 90 प्रतिशत सरकारी अनुदान तथा शेष 10 प्रतिशत् लाभुक का अंशदान है। विस्थापित केज लाभुकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए प्रति केज बैटरी हेतु इनपुट के लिए राज्य सरकार का अंशदान 50 प्रतिशत (अधिकतम् 2.00 लाख रू0 ) मात्र निर्धारित है तथा शेष लाभुक अंशदान से व्यय किया जाना है।


आज दिनांक 18.12.2022 को जल संसाधन विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के पदाधिकारियों, श्री ओ० पी० सिंह एवं श्रीमती नन्दिता सिंह के द्वारा "कावेरी केज कल्चर समूह, नन्दना द्वारा संचालित रानेश्वर प्रखण्ड के नन्दना ग्राम में अवस्थित परित्यक्त पत्थर खदान में केज कल्चर के माध्यम से मत्स्य पालन का अवलोकन किया गया।

भारत सरकार के पदाधिकारियों के द्वारा परित्यक्त पत्थर खदानों में केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन की काफी सराहना की गई। उन्होंने कहा कि बेकार पड़े पत्थर खादानों में संग्रहित जलक्षेत्र का सार्थक उपयोग किया जा रहा है। यह एक innovative scheme है। इस तरह की योजनाओं को धरातल पर लाकर हम उत्पादन क्षमता बढ़ा सकते हैं एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता है। इस क्षेत्र में नये जलस्त्रोतों के सदुपयोग का रास्ता खोलने के लिए उनके द्वारा मत्स्य विभाग की सराहना की गई। उन्होंने समिति के सदस्यों को संगठित होकर पूरी लगन के साथ कार्य करने का सुझाव दिया, जिससे कि नन्दना में लगे ये सभी केज नीली क्रांति की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकें।


इस मौके पर जिला मत्स्य पदाधिकारी, दुमका, सुशील हॉसदा, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी एवं कावेरी केज कल्चर समूह के सभी सदस्यगण उपस्थित थे।

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