Tuesday, 25 July 2017

दुमका, 25 जुलाई 2017
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 409
झमाझम बारिष में भी श्रद्धालु करते रहे जलार्पण...
मासव्यापी श्रावणी मेला के 16 वें दिन भी वासुकिनाथ धाम श्रद्धालुओं से भरा दिखाई दे रहा था। नंदी चैक से लेकर शिवगंगा तक कांवरियों का हजूम देखने को मिल रहा था। बाबा वासुकिनाथ के प्रति उनके भक्तों की आस्था और अटूट विष्वास ही तो है जो प्रतिदिन फौजदारी बाबा के दरबार पर हर हर महादेव और बोल बम के नारों के साथ हजारों लाखों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। सुबह सवेरे से ही झमाझम बारिष के बीच कांवरियों का जत्था बोल बम के नारों के साथ मंदिर की ओर जाते दिख रहा था।
केसरिया रंग के वेष में श्रद्धालु कांवर में गंगा जल लिये बाबा पर जलार्पण के लिये मंदिर की ओर जा रहे थे। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा बनाये गये निःषुल्क आवासन केन्द्रों में भी श्रद्धालु विश्राम करते देखे गये।
श्रावणी मेला के दौरान देष के विभिन्न कोने से आने वाले हजारों लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में जिला प्रषासन पूरी तत्परता से लगा दिखाई दे रहा है। कांवरिया रुट लाइन के साथ-साथ पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेषानी न हो इसके लिये जिला प्रषासन द्वारा विभिन्न सुविधायें दी जा रही है।
मंगलवार की सुबह पुरोहित पूजा के बाद 3 बजकर 51 मिनट पर जलार्पण शुरु हुआ। जलार्पण शुरु होने के पूर्व से ही श्रद्धालु कतारबद्ध हो चुके थे। श्रद्धालुओं की कतार संस्कार मडप से शुरु होकर टाटा धर्मषाला तक थी लेकिन जलार्पण शुरु होने के बाद श्रद्धालु की तादाद में काफी बढ़ोतरी हुई श्रद्धालुओं की कतार धीरे-धीरे नागनाथ चैक तक पहँुच गयी। हर दिन की भांति सुरक्षा के कड़े इतजाम के बीच श्रद्धालु शांतिपूर्ण ढंग से कतारबद्ध होकर लगातार जलार्पण कर रहे थे।
सभी सुरक्षाकर्मी अपने-अपने कर्तव्य पर थे। चप्पे-चप्पे पर उनकी नजर थी। सुबह से लगातार बारिष होने के बावजूद कांवरियों की सेवा में जुटे लोगों के उत्साह में किसी प्रकार की कमी नहीं दिख रही थी। एक तरफ बारिष और दूसरी तरफ श्रद्धालुओं का बाबा भोले नाथ पर जलार्पण करने की आस्था देखते बन रही थी। जलार्पण करने के पश्चात् मंदिर प्रांगण में नाचते, गाते, जयकारे लगाते और आरती करते श्रद्धालुओं का निकास द्वार से बाहर निकलने का दृष्य मनमोहक लग रहा था।
सुबह सेवेर से श्रद्धालुओं की सेवा में स्वास्थ्य विभाग के लोग भी तत्पर दिखे। स्वास्थ्य षिविर में श्रद्धालुओं को निःषुल्क दवाईयां दी जा रही थी। श्रद्धालुओं की सैलाब को देखते हुए सूचना सहायता षिविर के लोग भी सुबह सवेरे से एक्टिवेट मोड में दिखे। ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से बिछड़ों को मिलाया जा रहा था। कई बार जलार्पण करते वक्त और मंदिर क्षेत्र में श्रद्धालुओं के कई किमती सामान भी खो जाते है सूचना सहायता षिविर के कर्मी लगातार ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से अनाउंस करते दिखे साथ ही कई महत्वपूर्ण सूचनायें भी दी जा रही थी।
षिवगंगा में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम षिवगंगा में बोट के माध्यम से गष्त लगाते दिख रही थी। लाइफ जैंकेट आदि के साथ एनडीआरएफ की टीम देर रात से ही मौजूद दिखी। 


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