Thursday, 27 July 2017

दुमका 27 जुलाई 2017
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 420 
छोटा तो हूँ मगर किसी से कम नहीं...
जब कोई जीव पृथ्वी पर जन्म लेता है तो वह अपने सबसे छोटे रुप में होता हैं। फिर क्यों न वो जीव जंतू हो या मानव, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है कमोबेस उसका रंग रुप व आकार बदलने लगता है। एक छोटा बच्चा उम्र की सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते बुढ़ापे के दहलीज पर पहँुच जाता है। वक्त की रफतार उसे इस बात का अहसास भी नहीं होने देता कि वो कब बुढ़े हो गये हैं।
इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले हर एक जीव का रंग, रुप, आकार उसके लिए महत्वपूर्ण होता है। लेकिन मनुष्य के लिए ये सारी चीजें और भी ज्यादा जरुरी हो जाती है उससे भी ज्यादा इस समाज के लिए इस दुनिया के लिए जरुरी होता है।
इस सभ्य समाज में लोग न जाने क्यों एक मनुष्य को उसके गुणों से कम उनके कमियों से ज्यादा पहचानते हैं। आज हम बात कर रहे हैं 45 वर्षीय गणेष मरीक की। कद से बोने होने के वजह से उन्हें बहुत परेषानियों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि मेरा कद छोटा तो जरुर है मगर मैं किसी से कम नहीं हँू। परेषानियां जरुर आती है मगर मैं उनसे लड़ता हँू और हर बार सफल होता हँू।
जिला दुमका पो0 बनवारा ग्राम बनवारा के रहने वाले गणेष मरीक ने बताय कि 2006 में मिठाई दुकान में काम करता था लेकिन कद छोटा हाने से मैं काम नही कर पाता था फिर मैंने उस काम को छोड़ कर अपने घर पर ही छोेटा सा व्यवसाय करता हूँ एवं अपने परिवार का भरण पोषण करता हूँ।
गणेष मरीक ने बताया मैं हर वर्ष सावन के महीने में सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित मयूराक्षी कला मंच के स्टेज पर अपने बेटे के साथ नाच कर श्रद्धालुओं का मनोरंजन करता हँू और मुझे अच्छा लगता है।
मैं अपने 7 वर्ष के बेटे के साथ प्रतिदिन यहाँ आकर श्रद्धालुओं का मनोरंजन करता हँू और बाबा वासुकिनाथ का सेवा मैं अपने छोटे कद से करता हूँ। उन्होंने बताया कि हर वर्ष सावन के मेले से पूर्व जरमुण्डी के बीडीओ संजय कुमार दास मुझे बोल बम का कपड़ा देते हैं जिसे पहनकर मैं नाचता हूँ।
उन्होंने बताया कि अपने 4 बेटे का भरण पोषण करता हूँ पर भीख नहीं मांगता। उनका 7 वर्ष का पुत्र सागर मरीक जो की कद मे छोटा है बताया कि मैं पढ़ाई करता हूँ लेकिन अपने माता पिता के लिए सावन में पूरे 1 महीना अपने पिता का साथ देता हूँ।
अंत में उन्होंने बताया कि असली धन्यवाद के पात्र वर्तमान में मुख्यमंत्री सचिवालय के उप निदेषक अजय नाथ झा सर हैं जिन्होंने मुझे 2006 में यह मंच श्रद्धालुओं के मनोरजन के लिए प्रदान किया था।


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