Saturday, 2 April 2016

साहेबगंज, दिनांक 01/04/2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 131 

माँ गंगा भारत की सांस्कृतिक अस्मिता का पर्याय है...
- सुश्री उमा भारती, केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार
केन्द्रीय मंत्री जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण सुश्री उमा भारती ने कहा कि गंगा की निर्मल अविरल धारा को स्वच्छ बनाये रखना हम सभी की महती जिम्मेवारी है। माँ गंगा केवल जल का स्त्रोत मात्र नहीं बल्कि करोड़ो लोगों की आस्था का प्रतीक है। इस पावन नदी के प्रताप से अब गंगा तट पर निवास करनेवाले लोगों को न सिर्फ रोजगार सुलभ हो सकेगा बल्कि बेरोजगारी की समस्या का भी स्थाई निदान होगा। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार गंगा नदी संरक्षण के लिए 20,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती आज नमामि गंगे परियोजना नेषनल मिषन फाॅर क्लीन गंगा जन संवाद कार्यक्रम में महत्वपूर्ण घोषणायें की। सर्व प्रथम उन्होंने कहा कि गंगा के तट पर घाटों का निर्माण कराया जाएगा। गंगा नदी में जितनी भी तरह की गन्दगी आती है उसे रोकने के लिये लगाये जायेंगे एसटीपी  सैवेज ट्रीटमेंट प्लांट , छोटे छोटे एसटीप लगाए जाएंगे। 
सुश्री उमा भारती ने एक महत्वपूर्ण घोषणा में यह भी कहा कि गंगा तट के किनारे आधुनिक प्रणाली का शवदाह गृह बनाया जाएगा जिसमे लकड़ी तथा विद्युत् दोनों का इस्तेमाल करने की व्यवस्था रहेगी। 
उन्होंने कहा कि यूएनडीपी के अंतर्गत राजमहल से जुडी 16 ग्राम पंचायतों में गंगा स्वच्छता का कार्यक्रम के साथ साथ एसएचजी बनाकर लोगो को रोजगार भी उपलब्ध कराया जायेगा, मुख्यतः जैविक खेती  पशुपालन, गौ पालन इत्यादि के लिए  माहिलाओं के एसएचजी बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी कार्यक्रमों की शुरुआत 15 मई से की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले मैंने गंगा की यात्रा एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में किया था और आम लोगों के दुःख दर्द को सुना जाना। परंतु एक केंद्रीय मंत्री के रूप में मैंने माननीय प्रधानमंत्री जी के समक्ष एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की, जिसे कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है । उन्होंने कहा की गंगा तट पर निवास करनेवाले लोग सौभाग्यशाली हैं कि  माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस योजना के लिए कुल 20000 करोड़ रुपये दिए हैं जिसे 2018 तक खर्च करना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें एक एक पैसे का सदुपयोग करना है। इस हेतु कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में  एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है जिसमे सभी सम्बंधित पांच राज्यों के मुख्य सचिव भी है। इस परियोजना के अनुश्रवण के लिए जिलास्तरीय, राज्यस्तरीय तथा 
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केंद्रीय स्तर की समिति के साथ जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों की समिति भी होगी जो लगातार इसके क्रियान्वयन पर नजर रखेगी।
श्रद्धालुओं के द्वारा गंगा में अर्पित किया जाने वाला पवित्र पुष्प तथा अन्य इस्तेमाल किये गए पूजा सामग्रियों को फिल्टर किया जाएगा ताकि गंगा के जल को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।
 केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गंगा में  जहाँ कही भी गाद जमा हो गई है वहाँ कटाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है , ऐसे सभी स्थानों पर डी सिल्टिंग कराया जायेगा। अवैध खनन पर रोक लगाकर  गंगा को आर्सेनिक प्रदूषण से भी बचाया जायेगा।
 केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के लिए झारखंड को मॉडल स्टेट बनाया गया है और राज्य सरकार इस दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
 गंगा से जुडे़ गाँवों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए  सॉलिड वेस्ट से फिल्टर करके खाद बनाने की प्रकिया लोगों को बताई जाएगी। पंजाब के संत सींचेवाल गाँव के लोग साहेबगंज आकर शौचालय के पानी का उपयोग जैविक खेती के लिए करने का तरीका लोगों को बतायेंगे। गंगा तट के गाँवों में आयुष की टीम भेजी जायेगी जो ग्रामीणों को औषधीय पौधे लगाने के बारे में जानकारी देंगे तथा कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया जायेगा।
 इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि झारखण्ड की महत्वपूर्ण नदी स्वर्णरेखा के संरक्षण हेतु केंद्र ने आज 277 करोड़ 53 लाख रूपये स्वीकृत किए हैं।
झारखंड के माननीय नगर विकास मंत्री श्री सी. पी. सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार कोई कोर कसर नहीं छोडे़गी। गंगा की तरह झारखण्ड की अन्य नदियों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा।
राजमहल के विधायक ने केंद्रीय मंत्री तथा केंद्र सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा लोगों की सहायता से हम योजनाओं  का शत प्रतिशत  क्रियान्वयन करने में सफल होंगे।
इस अवसर पर केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव श्री रजत भार्गव, झारखण्ड सरकार के नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार सिंह, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री सुखदेव सिंह , पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, जिले के उपायुक्त श्री उमेश प्रसाद सिंह , जिले के वरीय पदाधिकारीगण , गंगा तट से जुड़े पंचायत प्रतिनिधि , नगर परिषद् के सदस्यगण उपस्थित थे।

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