Tuesday 4 June 2019

दुमका 04 जून 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या -0637

इस वर्ष ईद-उल-फितर का त्यौहार दिनांक 5 जून 2019 को मनाए जाने की सूचना है। चांद के दृष्टिगोचर होने पर तिथि में परिवर्तन भी हो सकता है। 
इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह/मस्जिदों में सामूहिक रुप से नमाज अदा करते हैं। तत्पश्चात अपने सगे-संबंधियों के साथ हर्षोल्लास के साथ ईद का त्यौहार मनाते हैं। 
उपायुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में अधिकांश लोग सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हैं। यह माध्यम सूचनाओं के आदान-प्रदान करने का सबसे सरल माध्यम बन चुका है। 
उपायुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से गलत/अफवाह भरी सूचनाओं/वीडियो क्लिप प्रसारित होने पर गंभीर दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित सूचनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जायेगी।  
उन्होंने कहा कि दोषियों के विरुद्ध आईटी एक्ट, साइबर क्राइम तथा आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसा देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर समाचार के नाम पर बने ग्रुप तथा अन्य नाम से बने ग्रुप पर कभी-कभी ऐसे समाचार या तथ्य भी प्रेषित किये जाते हैं, जिसकी सत्यता प्रमाणित नहीं पायी जाती है। कई तथ्य बिना पुष्टि के सीधे कट-पेस्ट/फॉरवर्ड किए जा रहे हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया तथा Whatsapp, Facebook, YouTube, Twitter आदि के ग्रुप एडमिन एवं सदस्यों के लिए आवश्यक निदेश दिए जाते हैं:- 
1. ग्रुप एडमिन वही बनें जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेवारी और उत्तरदायित्व का वहन करने में समर्थ हो। 
2. अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूर्णतः परिचित हों।
3. ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलतबयानी, बिना पुष्टि के समाचार जो अफवाह बन जाये पोस्ट किए जाने पर या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन तत्काल उसका खंडन करें। उस सदस्य को ग्रुप से हटाया जाय। 
4. अफवाह/भ्रामक तथ्य/सामाजिक समरसता के विरुद्ध पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना दी जानी चाहिए।
5. ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हे भी इसका दोषी माना जाएगा और उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
6. दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट, साइबर क्राइम तथा आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
7. किसी भी धर्म के नाम पर भावनाओं को आहत करने वाले पोस्ट किसी भी ग्रुप में डाले जाने पर समाज में तनाव उत्पन्न होने की संभावना रहती है ऐसे पोस्ट करने या किसी अन्य ग्रुप के फॉरवर्ड करने पर आईटी एवं आईपीसी की सुसंगत धाराओं के आधार पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ग्रुप एडमिन की भी जिम्मेवारी तदनुरूप निर्धारित की जाएगी।

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