Friday, 27 March 2020

दिनांक- 25 मार्च 2020
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-263

निजी स्वास्थ्य संस्थान तथा चिकित्सक भी आम नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करें...

अपेक्षित सहयोग नहीं करने वाले संबंधित चिकित्सकों व संचालकों के विरुद्ध की जायेगी विधिसम्मत कार्रवाई...

उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे विश्व भर में काफी तेजी से प्रचार हो रहा है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को एक वैश्विक महामारी घोषित किया गया है।कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार के द्वारा पूर्णतया तालाबंदी (लॉक डाउन) की स्थिति को अधिसूचित किया गया है।भारत सरकार के निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन तालाबंदी अवधि में आम नागरिकों को सुलभता पूर्वक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है। वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु स्वास्थ्य सेवाओं का सबसे अहम भूमिका है।जिला प्रशासन आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है।
उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि इस आपात स्थिति में निजी चिकित्सक व स्वास्थ्य संस्थानों का भी पूर्ण दायित्व है कि वे स्वास्थ्य संस्थानों में आम नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करें।उन्होंने कहा कि विभिन्न स्रोतों से ऐसी शिकायतें प्राप्त हो रही है कि निजी क्षेत्रों के चिकित्सकों के द्वारा कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए अपने अपने क्लीनिक,स्वास्थ्य संस्थानों को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया,यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने सिविल सर्जन दुमका को निदेश दिया है कि अपने स्तर से जिला अंतर्गत सभी निजी स्वास्थ्य संस्थानों क्लीनिक संचालकों को निर्देशित किया जाए कि वह अपने-अपने क्लीनिक आम नागरिकों के लिए खुला रखें। साथ ही यदि कोई संचालक अपने क्लीनिक खुला रखने में असमर्थ हैं तो उनकी सूची उपलब्ध कराई जाए ताकि संबंधित चिकित्सकों की सेवा जिले के सरकारी अस्पतालों में ली जा सके।उन्होंने कहा कि अपेक्षित सहयोग नहीं करने वाले संबंधित चिकित्सकों व संचालकों को सूचीबद्ध करते हुए विस्तृत विवरणी उपलब्ध कराएं ताकि उनके विरुद्ध (सेक्शन 51टू 60 ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005) के सुसंगत धाराओं के तहत उचित कार्रवाई हेतु विभाग को प्रतिवेदित किया जा सके।

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