दिनांक- 04 मार्च 2020
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-208
नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित क्षेत्रीय समीक्षात्मक बैठक की गई। इस समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता क्षेत्रीय उपनिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, संथाल परगना प्रमंडल, दुमका द्वारा एवं यूनिसेफ के सहयोग से किया गया।
क्षेत्रीय परामर्शी ने सभी जिलों को एसएनसीयू द्वारा दी जा रही सेवाओं का विश्लेषण कर बताया कि बीमार नवजात शिशु के इलाज हेतु संथाल परगना के सभी जिले में एक-एक एसएनसीयू खोली गई है। जिसमें जन्म के तुरंत बाद से 28 दिनों तक बच्चों से हुई दिक्कतों एवं बीमारियों के इलाज हेतु प्रतिक्षित डॉक्टर एवं नर्स की व्यवस्था है। साथ ही अब तक कई नवजात शिशु की जिंदगी बचाई जा चुकी है। 1 अप्रैल 2019 से 29 फरवरी 2020 तक का जिलावार अकड़ा - दुमका में -757, देवघर में-590, गोड्डा में-616,पाकुड़ में-233, साहेबगंज में-293 एवं जामताड़ा में -584 बच्चों का इलाज किया गया है।
बैठक के दौरान फीमेल एडमिशन पर ज्यादा ध्यान देने की बात कही गई। उपचार के उपरांत फॉलोअप के लिए एसएनसीयू में वापस बच्चों को लाकर डॉक्टर द्वारा एक साल तक दिखाना आवश्यक है। 1 साल तक बच्चों की मृत्यु की संभावना सबसे ज्यादा बनी रहती है। सहिया द्वारा भी नियमानुसार घर पर जाकर नवजात शिशु को देखना आवश्यक है। यदि किसी प्रकार का समस्या दिखाई दी तो अभिलंब उपचार हेतु एसएनसीयू ले जाए।
क्षेत्रीय उपनिदेशक ने कहा कि नवजात शिशु के स्वास्थ्य हेतु सरकार ने दृढ़ संकल्प लिया है कि छोटी-बड़ी सभी समस्याओं का समाधान करते हुए हमें हरेक नवजात शिशु की जिंदगी बचानी है।
इस बैठक में संथाल परगना प्रमंडल, दुमका अंतर्गत सभी जिले के सिविल सर्जन, अधीक्षक, दुमका, मेडिकल कॉलेज अस्पताल, दुमका, उपाधीक्षक, सभी एसएनसीयू के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, हॉस्पिटल मैनेजर एवं डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने भाग लिया।
No comments:
Post a Comment