दुमका, दिनांक 24नवम्बर 2015 प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 523
ग्राम स्वराज्य के सपनों को साकार करने का माध्यम है पंचायत
- राहुल कुमार सिन्हा, उपायुक्त, दुमका
गाँधी जी के ग्राम स्वराज्य के सपनों को साकार करने के लिए के ही पंचायती राज संस्थाओं की स्थापना की गई है। वर्ष 1993 में भारतीय संविधान के 73 वें संविधान संषोधन द्वारा त्रिस्तरीय पंचायती राज की व्यवस्था की गई है। उपायुक्त दुमका राहुल कुमार सिन्हा ने दुमका एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में ग्रामीणों को ग्राम पंचायत के औचित्य तथा उसके कार्य दायित्वों के बारे में समझाते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसके तहत प्रत्येक 500 की आबादी पर वार्ड सदस्य, 5000 की आबादी पर एक मुखिया तथा पंचायत समिति सदस्य तथा 50,000 की आबादी पर जिला परिषद् सदस्य पद का चुनाव सीधे जनता द्वारा किये जाने का प्रावधान किया गया है। प्रावधान के अनुसार राजस्व गाँव में एक ग्रामसभा होगी। उस गाँव के मतदाता सूची में पंजीकृत समस्त लोग उसके सदस्य होंगे। ग्राम सभा के बैठक की अध्यक्षता मुखिया या उनकी अनुपस्थिति में बैठक में उपस्थित सदस्यों के बहुत से तय किये गये व्यक्ति होंगे। बैठक तभी मान्य होगी जब उसमें कुल पंजीकृत मतदाताओं का कम से कम 1/10 वाँ हिस्सा उस बैठक में मौजूद हांेगे, जिसमें न्यूनतम 1/3 महिलायें होंगी। बैठक में वर्ष के हिसाब-किताब पिछले वर्ष का लेखा-जोखा आडिट रिपोर्ट ग्रामीण विकास योजनाओं से सम्बन्धित कार्यक्रम, ग्राम पंचायत का वार्षिक योजना, निगरानी समिति रिपोर्ट आदि पर चर्चा की जायेगी। ग्राम सभा के लिए लाभुकों का चयन, सामुदायिक कल्याण कार्यक्रम को गतिषील बनाना, जन सामान्य की चेतना, एकता एवं सौहार्द में आभिवृद्धि करना, स्वच्छता, सफाई और शांति व्यवस्था बहाल करना, ग्रामीण सड़क, पुलिस, पुल, बाँध और अन्य सार्वजनिक परिसम्पतियों का निर्माण, अनुरक्षण और उसका प्रबंधन आदि करना है।
उन्होंने बतलाया कि प्रत्येक 5000 की आबादी पर एक ग्राम पंचायत गठन की व्यवस्था की गई है। जनता द्वारा चुने गये वार्ड सदस्य इसके सदस्य होंगे। मुखिया इसके प्रधान होंगे तथा वार्ड सदस्यों में से ही एक सदस्य उप मखिया होंगे जो मुखिया की अनुपस्थिति में मुखिया के तमाम दायित्वो का निर्वहण करेंगे। ग्रााम पंचायत समिति, विकास समिति, महिला, षिषु एवं समाजिक कल्याण समिति, स्वास्थ षिक्षा एवं पर्यावरण समिति, आधारभूत संरचना समिति आदि। मुखिया एवं उप मुखिया इन समितियों के पदेन सदस्य होंगे जबकि ग्राम पंचायत का सचिव इन समितियों के पदेन सचिव होंगे। ग्राम पंचायत के प्रमुख कार्यों ने कर लगाना, विकास कार्यों के लिए खर्च करना, राज्य वित्त आयोग द्वारा सहायता अनुदान प्राप्त करना, पंचायत का बजट बनाना, खर्च का हिसाब-किताब रखना आदि शामिल है। उन्होंने पंचायत समिति, मुखिया तथा जिला परिषद के कार्य एवं दायित्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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