Wednesday 22 August 2018

दुमका 22 अगस्त 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 662
घुघनी मुढ़ी नही खाया तो क्या खाया...
बासुकिनाथ धाम स्थित विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेले में कई जगह से आए व्यवसायी अलग-अलग प्रकार से व्यवसाय करते हैं। परन्तु मेले में घुघनी मुढ़ी, चाॅप, पकौड़ी आदि के दुकान की बात ही कुछ अलग है। मेले में सर्वाधिक भीड़ इन्हीं दुकानों पर देखी जा रही है। आम तौर पर पूरे संताल परगना में इन भोज्य पदार्थ को बेहद पसंद किया जाता है। देश विदेश के विभिन्न जगहों से आये काँवरिया बन्धु भी इसे बेहद पसंद करते है। चार पाँच दिनों की बिना नमक खाए यात्रा करने वाले काँवरिया श्रद्धालु जैसे ही बासुकिनाथ धाम स्थित बाबा फौजदारी नाथ पर जलार्पण करते हैं। उनकी खुशी देखते ही बनती है। ऐसे में मेला क्षेत्र में घुघनी मुढ़ी, चाॅप, पकौड़ी मिल जाए तो मानों उनकी समस्त थकान दूर हो जाती है। गया और मधुबनी से आये सुमन कुमार और नकुल पासवान ने बताया कि वे जब भी बासुकिनाथ धाम आते है तो यहां का घुघनी मुढ़ी खाना नही भूलते है। बासुकिनाथ धाम के घुघनी मुढ़ी का स्वाद ही कुछ अलग है।

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