दुमका 20 अगस्त 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 617
श्रावणी मेले के दौरान वासुकिनाथ धाम में पूरे एक माह तक श्रद्धालुओं का सैलाब दिखायी पड़ता है। इस दौरान कई श्रद्धालु सगमता पूर्वक जलार्पण कर अपने घर लौट जाते हैं लेकिन कई ऐसे भी होते हैं जो अपनों से मेला क्षेत्र में या जलार्पण के दौरान बिछुड़ जाते हैं।
मेला में अपनों से बिछुड़ने का दर्द को समझते हुए सूचना सहायता कर्मी वैसे श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाने का बीड़ा उठाती है। सूचना सहायता कर्मी द्वारा पहले उनका पूरा पता पूछा जाता है विभिन्न माध्यमों से उनके परिजनों को ढंूढने का प्रयास किया जाता हैं।
ऐसे श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए पूरे मेला क्षेत्र में भिन्न-भिन्न जगहों पर सूचना सहायता शिविर खोला गया है जिनमें 24ग7 सूचना सहायता कर्मी की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है।
इस दौरान सूचना सहायता कर्मी को कई ऐसे भी श्रद्धालुओं से भी मुलाकात हो जाती है जो पिछले 3-4 दिनों से अपनों से बिछड़कर मेला क्षेत्र में उन्हें ढंूढते रह जाते हैं। सूचना सहायता कर्मी द्वार कई बार उन्हें भोजन कराया जाता है एवं विभिन्न माध्यमों से उनके परिजनों से संपर्क साधने की कोशिश की जाती है। कई बार विशेष परिस्थिति में उन्हें सूचना सहायता कर्मी द्वारा उनके घर तक छोड़ा जाता है।
सभी सूचना सहायता शिविर में ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाये गये है जिसके माध्यम से श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाया जाता है साथ ही कई बार दूरभाष के माध्यम से भी बिछड़ो को मिलाया जाता है।
बिछड़ने के दर्द से ज्यादा श्रद्धालुओं को अपनों से मिल जाने की खुशी होती है। जाते-जाते श्रद्धालु यहां की गयी व्यवस्था के लिये जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार को धन्यवाद कहते हैं। सूचना सहायता कर्मी द्वारा उन्हें अगले वर्ष फिर से आने का आमंत्रण दिया जाता है।
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