दुमका 20 अगस्त 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 624
एक ओर सावन के पावन माह में जहाँ केसरिया रंग से पूरा शिवनगरी बाबा बासुकीनाथ धाम पटा हुआ है, पूरे उत्साह उमंग से श्रद्धालु लाखों की संख्या में फौजदारी बाबा को जलार्पण कर रहे हैं वही थके मांदे कांवरियों को भुट्टे का सेवन करा रही हैं बासुकीनाथ की महिलाएं।
ऐसे में रोड के किनारे फुटपाथ पर महिलाएं शिवभक्तों को ताजा भुट्टा (मकई का बाली) खिलाने के लिए तत्पर रहती हैं। सर पर तीखी सूर्य की किरणें झेलती और कूट से या पंखे से हवा करती हैं और आंच लगाती हैं।
बासुकीनाथ प्रखण्ड के हटिया परिसर में रहनेवाली मुन्नी देवी बताती हैं कि 60 वर्ष की आयु में भी उन्हें यह काम करने में आनंद आता है। सावन के महीने में जब श्रद्धालुओं की उपस्थिति से बासुकीनाथ धाम भगवा रंग में रंग जाता है तो उनके अंदर भी असीम ऊर्जा का संचार होता है। यही वजह है कि गर्मी और उमस को धता बताते हुए वह भक्तजनों की सेवा में लगी रहती हैं। बेतिया बिहार के मोहन बम ने बताया कि इतनी गर्मी में भुट्टा खाकर मन तृप्त हो जाता है। भुट्टा बेचनेवाली महिलाओं को शुभकामना देते हुए बोल बम का नारा लगाते हुए आगे बढ़ जाते हैं कांवरियां बम।
No comments:
Post a Comment