दुमका 20 अगस्त 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 692
माननीय मंत्री समाज कल्याण एवं बाल विकास डाॅ लुईस मरांडी के द्वारा पूराना विकास भवन (रेशम भवन) दुमका में सेरिसिन तैयार करने का वैज्ञानिक विधी सम्बन्धी कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। इस कार्यशाला में भविष्य में इस क्षेत्र में रेशम धागाकरण कोसा पकाने के उपरांत प्राप्त घोल (अवशेष बचे पानी) से मुल्यवान रसायन ‘‘सेरिसिन‘‘ जिसका उपयोग काॅसमेटिक उद्योग एवं औषधी के रूप में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ के एक्ट्रैक्सन हेतु योजना का प्रायोगिक तौर पर क्षेत्र में लागु करने संबंधी जानकारी दी गई।
अपने संबोधन में माननीय मंत्री समाज कल्याण एवं बाल विकास डाॅ लुईस मरांडी ने कहा कि दुमका जिला कोकून के उत्पादन में पूरे राज्य में प्रथम स्थान रखता है। सिल्क का बाजार बहुत बड़ा है मार्केट की कमी नहीं है। आवश्यकता है हमें गुणवत्तापूर्ण प्रोडक्ट तैयार करने की। महिलाओं को इस क्षेत्र से जोड़े और उन्हें स्वावलम्बी बनायें। इस कार्य से क्षेत्र में धागाकरण कार्य से जुड़ी महिला समूहों की आमदनी में अप्रत्याशित आमदनी की संभावना है।
आईआईएम के वरीष्ठ शोध कर्मी ने कहा कि हमें तसर को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में स्थापित करने हेतु गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। महिलाओं के आत्मनिर्भरता एवं उनके विकास में दुमका का तसर उद्योग मील का पत्थर साबित हो सकता है। ग्रामीण अर्थ व्यवस्था पर इसका सकारात्मक प्रभाव दिखेगा। उन्होंने कहा कि उपरोक्त दोनों रसायन जो आजतक बेकार चला जाता था उसका मुल्य वर्धन कर महिला रेशम धागाकारों की आमदनी में वृद्धि हो सकेगी।
स्टार्टअप तसर को इन्टरनेशनल स्तर पर ट्राईबल टू ग्लोबल जो मयुराक्षी सिल्क ब्राण्ड के रूप में कार्य कर रहा है, उसकी केस स्टडी डा0 सी0 एम0 मिश्रा द्वारा प्रारम्भ कर दी गई है।
इस कार्यशाला का आयोजन केन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान नगड़ी राँची के निदेशक अजित कुमार सिंह के निदेशन में सहायक उद्योग निदेशक (रेशम) संथाल परगना दुमका द्वारा आयोजित किया गया।
कार्यशाला में प्रेम कुमार गुप्ता, अग्र परियोजना पदाधिकारी, लिट्टीपाड़ा मो0 खादीम अतिम, परियोजना पदाधिकारी, सरैयाहाट, मो0 नईम उद्दीन, पी0 पी0 ओ0 काठीकुण्ड, धनेश्वर दास, पी0 पी0 ओ0 शिकारीपाड़ा, राम नगीना, वैज्ञानिक डी0, शान्ता गिरी, वैज्ञानिक डी0, महिला धागाकारक ,बुनकर इत्यादि उपस्थिति थे।
No comments:
Post a Comment