Wednesday, 29 August 2018

दुमका 29 अगस्त 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 700
नेशनल एजुकेशन, गैर सरकारी संस्थान के तत्वाधान तथा जिला प्रशासन के सहयोग से दुमका जिला के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए ‘‘स्ट्रेस मैनेजमेंट’’ विषय पर समाहरणालय सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में डॉक्टर नितेश चर्पे ने बताया कि तनाव कोई रोग नहीं है। यह वर्तमान जीवन शैली का परिणाम है और यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। हम चाह कर भी तनाव को पूरी तरह मिटा नहीं सकते बल्कि अपने जीवन शैली में परिवर्तन कर इसे कम कर सकते हैं। तनाव के कारण कई बीमारियां हो सकती है। तनाव का दुष्प्रभाव शरीर मस्तिष्क एवं भावनाओं पर पड़ता है। जिसका परिणाम मनुष्य के पूरे व्यवहार पर दिखाई देता है। तनाव के कारण व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु तक भी हो जाती है। हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज की अनेकों घटनाओं की जानकारी मिलती है। जिसका मुख्य कारण तनाव है। डॉक्टर चर्पे ने बताया कि मनुष्य प्रकृति से दूर होता गया है। परिणाम स्वरुप तनाव से ग्रसित होता गया है। तनाव से बचाव के लिए प्राकृतिक उपचार ही एकमात्र उपाय है। सुबह की सैर, योगासन, प्राणायाम बहुत हद तक तनाव से दूर रखेंगे। रोगों के उपचार के लिए एक्यूप्रेशर, हर्बल थेरेपी तथा मैग्नेटिक थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। यह दवाओं के दुष्प्रभाव से भी बचाव करेगा।
कार्यशाला में उपायुक्त मुकेश कुमार, उप विकास आयुक्त वरूण रंजन, अपर समाहर्ता इन्दु गुप्ता, अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार सहित जिले के तमाम आलाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे


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