दुमका 18 फरवरी 2019
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 0180
राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव में रविवार को देर रात्रि तक चले कवि सम्मेलन में मदन मोहन समर, नीलोत्पल मृणाल, दिनेश देवघरिया सुमन मिश्रा, शंभू शिखर,सुश्री कंचन के साथ साथ दुमका की मिट्टी कवि केशव सिन्हा और उत्तम कुमार दे ने विविध भाव से परिपूर्ण अपने काव्य के माध्यम से दर्शकों को आह्लादित कर दिया।महुआ महका पुरवाई का झीना आँचल चूम के, लिए पिटारी फूलों वाली मौसम आया घूमके, देखो आया फागुन झूम के.. इसी प्रकार की पंक्तियों के माध्यम से कवित्री सुश्री कंचन ने प्रेम रस से परिपूर्ण पंक्तियों के माध्यम से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।
पाक नाम जो पाक ना रखे कैसा है इमान अमवा के डलिया पर बोले कोयलिया कुछ इसी प्रकार की कविता और गीतों के माध्यम से कवित्री सुमन मिश्रा ने देश भक्ति और प्रेम से भरे गीत प्रस्तुत किए।
साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत युवा स्थानीय कवि औ साहित्यकार नीलोत्पल मृणाल ने आया है एक दीप धरा से रौशन है वह कितना, धरती की बजरी पर कोपल फूटे हैं सोहर गाओ जैसे देशभक्ति तथा संथाल परगना की गांव की मिट्टी से जुड़ी कविता से लोगों में देशप्रेम के साथ साथ साथ गाँव और उसकी सहज ,सरल जीवन से जुड़ी बातों को बेहद सुरीले स्वर में करीने से प्रस्तुत किया।
सर के बदले सर चाहिए, अंदर तक असर चाहिए कुछ इसी प्रकार के देश भक्ति से परिपूर्ण पंक्तियों के माध्यम से दिनेश देवघरिया ने आम जनों में पुलवामा आतंकवादी घटना से उपजे असंतोष को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया।
मध्य प्रदेश से आए राष्ट्रवादी कवि मदन मोहन समर ने अपनी राष्ट्रवादी कविता के माध्यम से तमाम लोगों में देश के प्रति जोश और जुनून का संचार किया। भारत मां का तिलक करो तुम चंदन अक्षत गोली से, आज तिरंगा ऊंचा कर दो इंकलाब की बोली से। ऐसे ही अनेक वीर रस से परिपूर्ण कविता के माध्यम से उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत कर दिया।
चीनी को जमा करके गन्ना बना दूं बिहार निवासी टेलीविजन के जाने-माने हास्य कवि शंभू शिखर ने अपने चुटीले कविताओं के माध्यम से दर्शकों को खूब गुदगुदाया।
अवसर पर स्थानीय कवि उत्तम कुमार डे तथा केशव सिन्हा ने विभिन्न भावों से परिपूर्ण अपने कविता के माध्यम से दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी।
अवसर पर पर्यटन निदेशक संजीव बेसरा,अनुमंडल पदाधिकारी सह राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव के सचिव राकेश कुमार,डा.धुनीराम सोरेन, अंजुला मुर्मू सहित तमाम अतिथि कवियों ने डा.स्टेफी तेरेसा मुर्मू रचित बच्चों की कहानियों के संग्रह पुस्तक होर होपेन का विमोचन किया।
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