दिनांक- 18 जनवरी 2020
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-051
सभी के सहयोग से इस राजकीय मेला को राष्ट्रीय मेला बनाने में हम सफल होंगे...
अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार की अध्यक्षता में हिजला मेला के उद्घाटन समापन तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों से संबंधित बैठक आयोजित की गयी। बैठक को संबोधित करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव पूरे राज्य में अपनी एक अलग पहचान रखता है।यह मेला संथाल परगना की संस्कृति को दर्शाता है।उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से इस राजकीय मेला को राष्ट्रीय मेला बनाने में हम सफल होंगे। मेला के बेहतर आयोजन को लेकर लोगों की अपेक्षाएं काफी बढ़ गई है निश्चित रूप से इस वर्ष मेला का आयोजन पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर होगा सभी के सहयोग से राजकीय जनजाति हिजला मेला महोत्सव का आयोजन सफलतापूर्वक कराने में सफल होंगे जो भी कमियां पिछले वर्ष रह गई थी उसे दूर किया जाएगा।
मेला को प्लास्टिक तथा थरमोकोल फ्री रखा जाएगा...
अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि इस वर्ष हिजला मेला के आयोजन में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मेला को प्लास्टिक तथा थरमोकोल फ्री रखा जाएगा। मेला परिसर में प्लास्टिक तथा थरमोकोल का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। प्लास्टिक तथा थर्माकोल की जगह सखुआ के पत्ते का उपयोग दुकानदार करेंगे।
उन्होंने कहा कि मेला के समापन के बाद गंदगी नहीं रहे इसे ध्यान में रखते हुए सभी दुकानदारों से 1000 रुपये सिक्योरिटी मनी के रूप में लिया जाएगा तथा मेला समाप्त होने के बाद उनके दुकान के आसपास गंदगी नहीं रहने की स्थिति में उन्हें उसी समय 1000 रुपये वापस कर दिए जाएंगे। छोटे दुकानदारों से किसी प्रकार का सिक्योरिटी मनी नहीं लिया जाएगा। ऐसे लोगों पर आयोजन समिति के वालंटियर नजर रखेंगे ताकि वह गंदगी परिसर में नहीं फैला सकें।
हस्तशिल्प से जुड़े कलाकृति भी लोगों को देखने को मिलेगी...
उन्होंने कहा कि इस वर्ष मेला में हस्तशिल्प से जुड़े कलाकृति भी लोगों को देखने को मिलेगी। सात विभिन्न राज्यों के शिल्पकार मेला में अपने स्टॉल लगाने के लिए राजी हो गए। इससे यह साफ पता चलता है कि राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव राष्ट्रीय मेला की ओर एक कदम आगे बढ़ चुका है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उद्घाटन समारोह में विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा प्रस्तुति दी जाती है उद्घाटन समारोह में आयोजित कार्यक्रम में एक विद्यालय के अधिकतम 20 बच्चे ही कार्यक्रम प्रस्तुत कर सकते हैं। बेहतर कार्य करने वाले सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।मेला के आयोजन में साज सज्जा एवं रोशनी की बेहतर व्यवस्था रहेगी। मेला में आने वाले लोगों को परेशानी नहीं हो इसे ध्यान में रखते हुए पेयजल एवं सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी।
मयूराक्षी नदी के तट पर 128 पौधे लगाए जाएंगे...
अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि वर्ष 1892 में इस मेला की शुरुआत की गई थी। मेला के 128 वर्ष के अवसर पर मयूराक्षी नदी के तट पर 128 पौधे लगाए जाएंगे। जिनमें छायादार फलदार एवं औषधीय वृक्ष शामिल होगा।
पुरस्कार के रूप में दिए जायेंगे...
बैठक में समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि प्रथम पुरस्कार के रूप में 75000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 50000 रुपये तथा तृतीय पुरस्कार के रूप में 40000 रुपये दिए जाएंगे। वही सांत्वना पुरस्कार के रूप में 3500 रुपये दिए जाने पर सहमति बनी। अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि आकलन के बाद अगर राशि उपलब्ध होगी तो सांत्वना पुरस्कार की राशि को बढ़ाकर 4000 रुपये कर दिए जाएंगे।
आवेदन देने की अंतिम तारीख 1 फरवरी होगी...
अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आवेदन देने की अंतिम तारीख 1 फरवरी होगी। 11:00 बजे से 4:00 बजे तक कार्यालय अवधि में आवेदन अनुमंडल कार्यालय में देना होगा। आवेदन देने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी के नाम प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आवेदन देना होगा।साथ ही कला दल के मुखिया का नाम,पता, फोटो ,मोबाइल नंबर ,ईमेल आईडी अगर उपलब्ध हो तो ,बैंक खाता का जेरोक्स,आधार कार्ड,साथ ही कला दलों के सभी सदस्यों के आधार कार्ड का फोटो कॉपी आवेदन के साथ संलग्न करना होगा।
उन्होंने कहा कि अगर किसी प्रतियोगिता के जज की टीम उस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहती है तो वे उस दिन उस प्रतियोगिता के जज के रूप में नहीं रहेंगे। उन्होंने समिति के सदस्यों को 30 जनवरी तक जज के नामों की सूची अनुमंडल कार्यालय में समर्पित करने को कहा।
इस अवसर पर समिति के सदस्यों ने भी अपनी बात रखी और सभी ने अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा लिए गए निर्णयों का समर्थन किया।
No comments:
Post a Comment