Monday, 27 January 2020

दिनांक-18 जनवरी 2020
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-55

बाल दुर्व्यापार मुक्त भारत के लिए राष्ट्रव्यापी जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन


+2 कन्या उच्च विद्यालय में बाल दुर्व्यापार मुक्त भारत के लिए राष्ट्रव्यापी जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि बाल दुर्व्यापार देश का ज्वलंत विषय है। सरकार एवं श्रम विभाग द्वारा लगातार इस विषय पर कार्य किया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग एवं शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों के संरक्षण के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही है। समाज में यह एक गंभीर विषय है। यह बहुत अफसोस की बात है कि समाज में हम जिस तरह से बात करते हैं कि बच्चे हमारे भविष्य हैं आने वाली पीढ़ी के लिए एक अच्छा माहौल बनाना है। अच्छा पर्यावरण रखना है। इसी समाज में बच्चों के जरिए कमाने वाले लोग भी हैं। सबसे पहले समाज को यह आवाज उठाना चाहिए कि ऐसे लोगों की कड़ी निंदा करें। ऐसे लोगों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है। यह संदेश समाज के जरिए उन लोगों को देना बहुत जरूरी है। कई परिवारों में अपने ही लोग झूठ बोलकर धोखा देते हैं। शिक्षा एवं जागरूकता की कमी होने के कारण लोग उनकी बातों में आ जाते हैं और बच्चों को अलग-अलग जगह भेजकर बाल मजदूरी कराते हैं। लोगों में जागरूकता लाने के लिए हम सभी को काम करना है। सभी विभाग एवं फाउंडेशन अपने अपने स्तर से इस विषय पर कार्य कर रहा है। 
उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले चाइल्ड कमेटी के मेंबर ने बैठक किए थे। बहुत ही संख्या में लोग आए। लोग जागरूक होना चाहते हैं। उस कार्यक्रम के माध्यम से मुझे यह संकेत मिला। चाइल्ड कमेटी की बैठक के माध्यम से कई सारे बच्चों से संबंधित शिकायत हमारे पास आए। जिला प्रशासन द्वारा विधिसम्मत शिकायतों का निष्पादन किया जा रहा है।
बड़े पैमाने पर इस विषय पर चर्चा करना आवश्यक है। दुमका में रोजगार की कमी है। जिसके कारण भी बच्चे तस्करी का शिकार होते हैं। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण लोग अपने बच्चों के जरिए कमाना चाहते हैं। ऐसे मानसिकता वाले लोगों पर भी सरकार संज्ञान ले रही है। उनपर विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है।
स्कूल के अलावा अभिभावक अपने बच्चों को कहीं भी कार्य करने के लिए नहीं भेज सकते हैं। ऐसे कानून बनाए गए हैं। जो भी इसका पालन नहीं करते हैं। पकड़े जाने पर उनपर सख्ती से कार्रवाई की जाती है। देखा जाता है कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 70% या उससे भी कम होता है। जो 30% बच्चे नहीं आ रहे हैं या तो वह घर में बैठे हैं या फिर कहीं बाल मजदूरी कर रहे हैं। इन बच्चों को कैसे स्कूल लाया जाए जिला प्रशासन के लिए यह एक बहुत बड़ा चैलेंज हैं। लेकिन धीरे-धीरे अभिभावकों में भी जागरूकता फैल रही है,और अपने बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग भी हैं जो परिवार से बच्चों को छीन कर या बच्चों को उठाकर भीख मंगवाते हैं। यह भी एक बहुत बड़ा मुद्दा है। मुझे खुशी है कि बच्चे भी जागरूक हो रहे हैं। सभी को केवल खुद के लिए ही नहीं बल्कि दूसरों के मदद के लिए भी आगे आना चाहिए। 4 लोगों के बीच इस विषय पर चर्चा करना ही बहुत बड़ी बात है। ताकि उनके जेहन में भी यह रहेगा कि अपने बच्चों के प्रति निगरानी रखें। जिनके साथ उनके बच्चे खेल रहे हैं। जिनके साथ रह रहे हैं वह कैसे लोग हैं। यह सावधानी अभिभावक रखें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में भी इस विषय पर बीच-बीच में चर्चा होनी चाहिए। इतना बड़ा मुद्दा है यह उनकी समझ में आएगा और अपने आप बच्चे सुरक्षा के माहौल में रहेंगे। इसके लिए परिवार वालों को भी आगे आना है कि बच्चे बाहर भी सुरक्षा के माहौल में रहे। इससे काफी बच्चे सुरक्षित रहेंगे। 
उपायुक्त ने कहा कि आवासीय विद्यालय में 5000 से अधिक बच्चियां सुरक्षा के माहौल में सारी सुविधाओं के साथ पढ़ रही है। सरकार द्वारा लिया गया बहुत बड़ा कदम है। यह बच्चियां गांव में रह जाती तो कहीं ना कहीं बाल मजदूरी का शिकार हो जाती। लेकिन उन्हें सरकारी व्यवस्था में लाकर उनका बचाव किया जा रहा है। कस्तूरबा विद्यालय में 3500 से अधिक बच्चियां पढ़ रही है। सुरक्षित माहौल में उन्हें गुणवत्ता शिक्षण दिया जा रहा हैं। अफसोस की बात है कि यह सुविधाएं हम हर बच्चे को नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन धीरे-धीरे सारे विद्यालयों में बेहतर व्यवस्था की जा रही है। सरकारी विद्यालयों में अभिभावक दिवस मनाया जा रहा हैं। जिससे अभिभावको को सम्मिलित एवं जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य स्तर पर भी हमलोग एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं कि बाल अधिकार के प्रति गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने सभी बच्चों से अनुरोध किया कि आप यह मुद्दा यहीं पर भूल मत जाइए। बल्कि और बच्चों के साथ इन विषयों पर चर्चा कीजिए। 
इस दौरान उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा केरला से एक बच्चे को छुड़ा के लाया गया है। जिसे जिला प्रशासन द्वारा घर पहुँचाया जाएगा। 
इस अवसर पर अन्य गणमान्य लोगों ने भी अपनी बात रखी।

इस अवसर पर डीएसडब्ल्यूओ श्वेता भारती, एसडीपीओ पूज्य प्रकाश, डीईओ पूनम कुमारी, प्लस टू गल्र्स स्कूल की प्रचार्य विभा कुमारी, जेजेबी के सदस्य कुमार प्रभात, श्रम उपाधीक्षक शैलेन्द्र कुमार साह, सीडब्ल्यूसी सदस्य सुमिता सिंह, सीडब्ल्यूसी सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, रमेश साह, जेजेबी सदस्य रेणु कुमारी, चेम्बर आॅफ कामर्स के सचिव मनोज कुमार घोष, प्रदीप्त मुखर्जी, सुमन सिंह, रिंकी, श्यामदेव हेम्ब्रम, संदीप कुमार बमबम, एन के रावत, मनोज केशरी, पंचम झा, आनंद जायसवाल, सुमंगल ओझा, अमरेन्द्र सुमन आदि भी मौजूद थे।

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