Sunday 5 June 2016

दुमका, दिनांक 05 जून 2016 
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 282 
आने वाले पीढ़ी के लिए वर्षाजल बचाये...
- राहुल कुमार सिन्हा, उपायुक्त, दुमका

हमारी धरती पर जीवन के लिए जितने भी आवष्यक संसाधन हैं उसमें जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। आने वाले पीढ़ी के लिए इसे संजोये रखना निहायत ही आवष्यक है। प्रायः वर्षा ऋतु में हमारे यहां जितनी भी वर्षा होती है। उसका अधिकतम एक चौथाई भाग ही हम उपयोग कर पाते हैं। शेष जल नालों एवं नदी के माध्यम से बहते हुए समुद्र में चली जाती है। जो बाद में हमारे किसी काम का नहीं रह जाता। पेयजल के रूप में भू-गर्भ जल एक महत्वपूर्ण स्रोत है। दिनानोदिन भू-गर्भ जल का स्तर नीचे गिरता जा रहा है। आज अगर हम ना चेते तो आने वाली पीढ़ी को पेयजल हेतु भीषण कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। दुमका जिला के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने $2 बालिका उच्च विद्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु आयोजित व्यवहारिक प्रषिक्षण के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु आजकल कई तकनीकें अपनाई जा रही है। दुमका जिला स्थित विभिन्न विद्यालयों हेतु ट्रेंच काटकर बनाया गया कीट ज्यादा सरल एवं कारगर है। जिसे बच्चे अपने अपने विद्यालयों में खुद बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें 30 फीट लम्बा तथा 4.5 फीट गहरा ट्रेंच काटकर उसमें 9 इंच का पत्थर भर दिया जाता है। स्कूल के छत का सारा पानी बहकर सहुलियत से उस ट्रेंच तक लाने के लिए पाईप की सहायता ली जाती है। इस प्रकार छत पर गिरा हुआ वर्षाजल पाईप के माध्यम से होते हुए ट्रेंच तक आता है। और फिर ट्रेंच के माध्यम से धरती के नीचे समा जाता है। इस प्रकार भू-जल स्तर क्रमिक रूप से ऊपर आ जाता है और वर्षाजल नाले के माध्यम से बहकर बर्बाद होने से भी बच जाता है। उपायुक्त ने जिला खनन पदाधिकारी को निदेष दिया कि यथाषीघ्र सभी विद्यालयों में आवष्यक पत्थरों की आपूर्ति सुनिष्चित कर दें। उपायुक्त ने सभी विद्यालय प्रधानों को निदेष दिया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने में सुरक्षा के मानकों का सख्ती से पालन करें। उपायुक्त ने इसी प्रकार की व्यवस्था सभी कार्यालय प्रधानों के साथ-साथ जिले के तमाम नागरिकों से रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु समुचित व्यवस्था करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि दुमका के सूचना भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रदर्षन हेतु एक मॉडल का निर्माण किया जायेगा। जिसे जानने समझने हेतु जिले के कोई भी नागरिक सूचना भवन आकर जानकारी ले सकते है। सूचना भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु मॉडल के निर्माण के लिए उपायुक्त ने ग्रामीण विकास विषेष प्रमंडल को निदेष दिया है। 
इस अवसर पर उपस्थित क्षेत्रीय षिक्षा उप निदेषक अच्युतानन्द ठाकुर ने समुचित रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु कई सुझाव दिये। जिला षिक्षा पदाधिकारी सतीष चन्द्र सिंकू ने बतलाया कि प्रथम चरण में 110 उत्क्रमित उच्च विद्यालयों एवं राजकीयकृत उच्च विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु व्यवस्था की जायेगी। वहीं जिला षिक्षा अधीक्षक मसुदी टुडू बतलाया कि प्रथम चरण में 1000 मध्य विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु व्यवस्था की जायेगी।
मौके पर उपायुक्त दुमका राहुल कुमार सिन्हा, उप निदेषक जनसम्पर्क अजय नाथ झा, क्षेत्रीय षिक्षा उप निदेषक अच्युतानन्द ठाकुर, जिला षिक्षा पदाधिकारी सतीष चन्द्र सिंकू, जिला षिक्षा अधीक्षक मसुदी टुडू, अनुमंडल षिक्षा पदाधिकारी षिवनारायण साह, जिला योजना पदाधिकारी अजय कुमार, जिला खनन पदाधिकारी ए.के. तिवारी, ग्रामीण विकास विषेष प्रमंडल के अभियंता ए. के. सिंह प्रधानाचार्य $2 बालिका उच्च विद्यालय बाल्मिकी सिंह, प्रधानाचार्य $2 नेषनल उच्च विद्यालय अजय कुमार गुप्ता, प्रधानाचार्य आश्रम उच्च विद्यालय अषोक कुमार साह, झारखण्ड षिक्षा परियोजना के एपीओ, बीपीओ, विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड षिक्षा प्रसार पदाधिकारी, विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, षिक्षक मदन कुमार, नवल किषोर झा, एहतेषामुल हक, विरेन्द्र साह, मधु कुमारी सहित बड़ी संख्या में षिक्षक एवं छात्रायें मौजूद थे।




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