Sunday 12 June 2016

दुमका, दिनांक 12 जून 2016 
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 302 
रोमांचक होगा झारखण्ड एवं पष्चिम बंगाल के बीच क्रिकेट सिरिज...

आप सबों का हिम्मत और जज्बा देखकर मैं अभिभूत हूँ। आपकी मेहनत निष्चित तौर पर रंग लायेगी। 14 जून से आरम्भ होने वाले 20-20 ओवरांे के तीन मैचों की क्रिकेट सिरिज में झारखण्ड को गौरवान्वित करेगी। झारखण्ड नेत्रहीन क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों से मिलने पहुंची नगर पर्षद अध्यक्षा अमिता रक्षित ने यह बात ए-टीम ग्राउन्ड में झारखण्ड नेत्रहीन क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों से उस समय कही जब सारे खिलाड़ी चिलचिलाती धूप में बल्लेबाजी गंेदबाजी तथा क्षेत्ररक्षण के अभ्यास के लिए जमकर पसीना बहा रहे थे।
खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त करने के लिए पहुँचे उप निदेषक जनसम्पर्क अजय नाथ झा ने खिलाड़ियों की हौसलाफजाई करते हुए कहा कि आप लोग वो सब कर पा रहे हैं जो नेत्र वाले लोग भी नहीं कर पाते। आप सब सचमुच समाज के लिए प्रेरणा हैं जो विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाये हुए हैं। 
झारखण्ड नेत्रहीन क्रिकेट ऐसोसियेषन के अध्यक्ष तथा भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट ऐसोसियेषन के उपाध्यक्ष विवके कुमार सिंह ने बतलाया कि सामान्य क्रिकेट तथा नेत्रहीन लोगों के लिए क्रिकेट में मामूली सा अन्तर होता है। एक टीम में  तीन श्रेणी के खिलाड़ी होते हैं। बी1 श्रेणी के खिलाड़ी पूरी तरह नेत्रहीन होते हैं। एक टीम में कम से कम चार बी1 श्रेणी के खिलाड़ी होने आवष्यक हैं। उन्होंने यह भी बतलाया कि बी1 श्रेणी के खिलाड़ी द्वारा एक रन लिए जाने पर स्कोर बुक में 2 रन जोड़े जाते हैं। उसी प्रकार चैका मारने पर स्कोर में 8 रन जोड़े जाते हैं। बी1 श्रेणी के खिलाड़ी स्वयं नहीं दौड़ते। बल्कि उनके जगह बी2 या बी3 श्रेणी के खिलाड़ी रनर के रूप में दौड़ लगाते हैं। उसी प्रकार बी1 श्रेणी के खिलाड़ी यदि एक टप्पा खाने के बाद भी गेन्द को पकड़ लेते हैं तो उसे कैच आउट माना जाता है। श्री सिंह ने बतलाया कि बी2 तथा बी3 श्रेणी के खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिन्हें मामूली रूप से दिखाई देता है। क्रिकेट के बाकी सारे नियम इन दोनो श्रेणी के खिलाड़ियों पर सामान्य रूप से लागू होते हैं। श्री सिंह ने बतलाया कि नेत्रहीन क्रिकेट में  गेंदबाजी में अन्डरआर्म होती है। तथा गेन्द को आधा पिच से पूर्व ही गिराना होता है। अन्यथा गेंद नोबाॅल करार दी जाती है। उन्होने बतलाया कि खिलाड़ी गेंद के आवाज के आधार पर उसका अनुमान लगाकर बल्लेबाजी, गंेदबाजी तथा क्षेत्ररक्षण करते हैं। 
 इस अवसर पर नगर पर्षद अध्यक्षा अमिता रक्षित, उपनिदेषक जनसम्पर्क अजय नाथ झा, मुख्य अम्पायर सह झारखण्ड नेत्रहीन क्रिकेट टीम के प्रषिक्षक अमित कुमार सिंह, मुख्य अम्पायर सह झारखण्ड नेत्रहीन क्रिकेट टीम के टीम मैनेजर विनित कुमार सिंह, आयोजन समिति के वित्तीय संयोजक सह जिला खेलकूद संघ के सचिव उमा षंकर चैबे, मैदान समिति के संयोजक राहुल दास, मीडिया समिति के संयोजक मदन कुमार, भोजन एवं आवासन समिति के संयोजक अरविन्द कुमार, चिकित्सा समिति के संयोजक रंजन कुमार पाण्डेय, उद्घाटन एवं समापन समिति के संयोजक स्मिता आनन्द, गोविन्द प्रसाद, वरूण कुमार, शैलेन्द्र सिन्हा, ललित पाठक, षिवनन्दन महतो, दिनेष प्रसाद वर्मा, मनेष कुमार आदि मौजूद थे।







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