Wednesday 8 June 2016

दुमका, दिनांक 08 जून 2016
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 292 
कनीय अभियंता से स्पष्टीकरण एवं जनवितरण प्रणाली की दुकान का अनुज्ञप्ति रद्द
संताल परगना प्रमण्डल के आयुक्त बालेष्वर सिंह ने देवघर उपायुक्त को निदेष दिया है कि तालाब जीर्णोद्धार कार्य में षिथिलता, लापरवाही एवं अनियमितता बरतने तथा समय-समय पर पर्यवेक्षण न करने के लिए उत्तरदायी झालको के कनीय अभियंता अवधेष कुमार से स्पष्टीकरण पूछ कर एक सप्ताह के अन्दर उसकी रिपोर्ट आयुक्त को सौपें।
विदित हो कि 24 मई को आयुक्त के निदेष के आलोक में आयुक्त के सचिव एन. ई. बागे ने देवघर जिलान्तर्गत मधुपुर प्रखण्ड के भगवानपुर गाँव में झालको द्वारा कराये जा रह तालाब जीर्णोद्धार कार्य का निरीक्षण किया था। लगभग 18 लाख की लागत से होने वाला यह जीर्णोद्धार कार्य पिछले 2 वर्ष से पूरा नहीं किया जा सका है। तालाब का प्दसमज तथा व्नजसमज कार्य अत्यन्त निम्नस्तरीय होने के साथ-साथ योजना स्थल पर योजना विवरण सम्बन्धी बोर्ड भी नहीं लगा था। मानसून कभी भी आ सकता है परन्तु तालाब में एक स्टेप की खुदाई अभी भी शेष था।
क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी अनमोल सिंह संताल परगना प्रमण्डल ने आयुक्त के निदेष पर मधुपुर प्रखण्ड के सलैया ग्राम के जन वितरण प्रणाली के दुकानदार श्री पप्पू दास की अनुज्ञप्ति रद्द करते हुए किसी अन्य सुयोग्य ग्रामीण को अनुज्ञप्ति देने तथा मधुपुर अनुमंडल के अन्तर्गत सभी जन वितरण प्रणाली दुकानों का समय-समय पर औचक निरीक्षण सुनिष्चित करने सम्बन्धी निदेष मधुपुर के अनुमंडलाधिकारी को दिया है।
विदित हो कि 24 मई को आयुक्त संताल परगना प्रमण्डल के निदेष के आलोक में निरीक्षण के क्रम में आयुक्त के सचिव ने मधुपुर प्रखण्ड अन्तर्गत गड़िया पंचायत के सलैया ग्राम में श्री पप्पू दास द्वारा संचालित जन वितरण प्रणाली की दुकान को बन्द पाया था। ग्रामीणों ने बताया कि श्री पप्पू दास खाद्यान्न के वितरण में मनमानी एवं अनियमितता बरतते हैं। ग्रामीणों ने यह भी बतलाया कि श्री दास प्रति परिवार चावल एवं गेहँू के वितरण में 01 किलोग्राम की कटौती करते है। साथ ही किरासन तेल एवं चीनी निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर देते है। ग्रामीणों की षिकायत थी कि खाद्यान वितरण का कोई निष्चित तिथि निर्धारित नहीं रहता। किसी अन्य दिन खाद्यान्न की मांग करने पर दुकानदार द्वारा दुव्र्यवहार किया जाता है। निगरानी समिति में दुकानदार ने अपनी ईच्छा से अपने परिवार के लोगों को ही रखा है जिसमें ग्रामीणों की षिकायत नहीं सुनी जाती। ग्रामीणों ने यह भी बतलाया कि निरीक्षण की बात सुनते ही दुकानदार दुकान बन्द कर भाग गया है।



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