Wednesday 15 August 2018

दुमका 15 अगस्त 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 524
माननीय राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दुमका के पुलिस लाईन मैदान में झण्डोत्तोलन किया। इस अवसर पर उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं आप सभी का अभिनन्दन करती हँू तथा स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देती हूँ। 
इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डा0 राजेन्द्र प्रसाद, प0 जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, बाबासाहेब डा0 भीमराव अम्बेदकर, सरदार भगत सिंह समेत देश के उन सभी वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करती हूँ, जिनके त्याग और बलिदान के कारण हम सभी को एक आज़ाद देश के नागरिक कहलाने का गौरव प्राप्त है। इन महान देशभक्तों का जीवन हम सभी देशवासियों के लिए सदा प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
उन्होंने कहा कि झारखण्ड की माटी ऐसे अनेक वीर सपूतों की जननी रही है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति तक दे दी है। इस अवसर पर उन्होंने देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले धरती आबा बिरसा मुण्डा समेत झारखण्ड के अन्य महान सपूतों वीर सिद्धो, कान्हू, चाँद, भैरव, वीर बुधु भगत, नीलाम्बर, पीताम्बर, पाण्डेय गणपत राय, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव एवं उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। उन्होंने देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा करने में शहीद सैनिकों के प्रति भी श्रद्धा-सुमन अर्पित किया तथा उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। 
माननीया राज्यपाल ने कहा कि आज़ादी के बाद 71 वर्षों में हमारे देश ने लगभग सभी क्षेत्रों में तरक्की की है, उल्लेखनीय प्रगति की है एवं अपनी चमक दुनिया में बिखेरी है। आज सारा विश्व हमारे देश को सम्मान की दृष्टि से देख रहा है। वर्Ÿामान में हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्र के तीव्र विकास हेतु व्यापक पहल किये जा रहे हैं। हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर कीर्तिमान गढ़ रहा है। यह हम सभी देशवासियों के लिए गर्व का विषय है। 
माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमारा राज्य भी  विकास के पथ पर अग्रसर है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के रहन-सहन और उनके जीवन-स्तर में गुणवत्तापूर्ण बदलाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। आज हमारे राज्य का विकास दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है, जो हमारे सरकार की नीतियों एवं राज्य के विकास हेतु उसके दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करती है। सरकार के सद्प्रयासों का ही प्रतिफल है कि झारखण्ड न केवल भारत बल्कि विश्व क्षितिज पर भी एक उदीयमान सितारे की भाँति अपनी चमक बिखेर रहा है।
उन्होने कहा कि हमारे राज्य की अधिकांश आबादी ग्रामों में निवास करती है। कृषि ही उनकी आजीविका के मुख्य साधन है। ऐसे में, किसानों की खुशहाली एवं समृद्धि राज्य के विकास की दृष्टि से अत्यन्त अहम है। सम्पूर्ण राज्य के साथ ही सरकार संथाल परगना प्रमण्डल में कृषि एवं कृषकों के विकास हेतु सतत् रूप से प्रयत्नशील है। सभी प्रखण्डों में ‘प्रखण्ड कृषि चैपाल’ के माध्यम से किसानों से सीधे संवाद स्थापित कर उन्हें नवीनतम कृषि तकनीक की जानकारी दी जा रही है। यह प्रसन्नता का विषय है कि मछली पालन के क्षेत्र में हमारा राज्य आत्मनिर्भर बन गया है। 
सरकार द्वारा नदियों के संरक्षण एवं वृक्षारोपण को बढ़ावा देने हेतु नदी तट वनरोपण योजना प्रारंभ की गयी है। 02 अगस्त, 2018 को राज्य के सभी जिलों के 24 नदियों के तटों पर 140 किलोमीटर की लम्बाई में स्थानीय जन-सहयोग से लगभग 9 लाख पौधे लगाने का कार्य किया गया है। यह देश की प्रथम ऐसी अनूठी योजना है, जिसमें इतने बड़े पैमाने पर एक ही दिन में जन- सहभागिता से नदी तट पर पौधे लगाये गये हैं। ‘‘नमामि गंगे’’ योजनान्तर्गत गंगा नदी के किनारों को स्वच्छ एवं हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से साहेबगंज वन प्रमण्डल में वर्ष 2018-19 में 224 हेक्टेयर भूमि पर 2 लाख 32 हजार 200 पौधों का रोपण एवं 8 हजार 200 गैबियन वनरोपण का कार्य किया जा रहा है।
राज्य की समस्त जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। इस दिशा में कार्य करते हुए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 36.73 करोड़ की 694 अदद ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना प्रारंभ की गयी हंै। इनमें से 586 अदद योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है। संथाल परगना क्षेत्र के लिए रू0 7.52 करोड़ की लागत से 213 योजनाएं प्रारंभ की गई है, जिनमें से 163 अदद योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है।
राज्य के किसी भी नागरिक की मृत्यु भूख से न हो, इस हेतु हम सभी सचेष्ट हैं। राज्य के अंतिम व्यक्ति तक खाद्यान्न की उपलब्धता को सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार द्वारा योग्य लाभुकों को आकस्मिक परिस्थिति में खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत, शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय तथा जिले में उपायुक्त स्तर पर ‘‘झारखण्ड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष’’ का गठन किया गया है। इस कोष से प्रति ‘‘योग्य लाभुक’’ को आपात स्थिति में 10 किलोग्राम चावल स्थानीय बाजार समिति द्वारा अधिसूचित दर पर या उससे कम दर पर खुले बाजार से क्रय कर उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य के सभी जिलों मंे डीबीटी के माध्यम से किरासन तेल के अनुदान की राशि, सीधे लाभुकों के बैंक खाते में हस्तातंरित की जा रही है।
विकास में पथों की अहमियत को ध्यान में रखते हुए राज्य में पथों के उन्नयन एवं विकास पर लगातार बल दिया जा रहा है।  पथों का घनत्व बढ़ने से राज्य की पथ यातायात व्यवस्था तो सुदृढ़ हो ही रही है, इसका सकारात्मक प्रभाव विभिन्न सेवाओं पर पड़ा है। सरकार द्वारा वर्ष 2018.19 में अब तक लगभग रू0 1285 करोड़ की लागत की योजनाओं के निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है। इसमें संथाल परगना प्रक्षेत्र में 298 करोड़ की लागत से 128 किलोमीटर पथ एवं एक पुल की स्वीकृति भी शामिल है। 
संथाल परगना क्षेत्र को देश के साथ हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार पूर्णतः प्रयासरत है। इस दिशा में देवघर जिले में अवस्थित हवाई अड्डा के विकास कार्यों का शिलान्यास भारत के माननीय प्रधानमंत्री के कर कमलों द्वारा किया जा चुका है। राज्य के नागरिकों को आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ए0सी0 डीलक्स बस सेवा का शुभारंभ किया गया है। राजधानी रांची से देवघर, दुमका, पाकुड़ एवं अन्य स्थानों हेतु यह सुविधा प्रारंभ कर दी गयी है, साथ ही राज्य के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के लिए इस सेवा के विस्तारीकरण का कार्य प्रगति पर है। 
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश के विकास में ऊर्जा का अत्यन्त अहम स्थान है। लोगों को बेहतर विद्युत सुविधा मिल सके, हर गाँव-शहर में बिजली पहुँचे, हमारा यह प्रयास है। इस क्रम में राज्य के कुल 29 हजार 376 गाँवों में से 17 हजार 517 ग्रामों को शत प्रतिशत ऊर्जान्वित करने का कार्य किया गया है। इनमें से 5 हजार 122 ग्राम संथाल परगना क्षेत्र के हैं। राज्य के 64.50 लाख घरों में से 46.24 लाख घरों में बिजली पहुँच गई है। संथाल परगना क्षेत्र के 14.99 लाख घरों में से 11.11 लाख घरों में बिजली पहुँचाने का कार्य हुआ है। सुखद है कि सरकार द्वारा परम्परागत ऊर्जा के स्रोतों के अतिरिक्त ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। राज्य में अब तक 509 सरकारी भवनों में लगभग 12500 किलोवाट क्षमता के ग्रीड कनेक्टेड रूफटाॅप सोलर पावर प्लांट के सप्लाई एवं इन्सटोलेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। राज्य में भारत सरकार की उजाला योजना के अन्तर्गत जुलाई, 2018 तक लगभग 1 करोड़ 28 लाख एलईडी बल्ब का वितरण किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र अथवा राज्य की उन्नति में वहाँ स्थापित उद्योगों की अहम भूमिका होती है, चाहे वह बडे़ उद्योग-धंधे हो या कुटीर उद्योग अथवा लघु उद्योग। भूमंडलीकरण के इस युग में इनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गयी है। हमारा देश आज भी कृषि प्रधान देश है, किन्तु हमें औद्योगिक विकास पर भी विशेष ध्यान देना होगा। उद्योग-धंधे श्रम शक्ति के लिए रोजगार के नये द्वार भी खोलते हैं। राज्य में उपलब्ध खनिज संसाधनों एवं श्रम शक्ति की आवश्यकता के अनुरुप नये उद्योगों की स्थापना होनी चाहिए। साथ ही नये उद्योगों की स्थापना के समय विस्थापन की समस्या का भी मानवीय हल ढूंढ़ा जाना चाहिए। प्रसन्नता का विषय है कि राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के विकास की दिशा में ध्यान दिया जा रहा है। उद्योगों की मांग के अनुरूप श्रम कानूनों का सरलीकरण एवं अन्य आवष्यक बदलाव किये गये हैं। ईज आॅफ डुयिंग बिजनेस के भारत सरकार तथा विश्व बैक के सर्वेक्षण में हमारा राज्य देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। 
जहाँ तक शिक्षा की बात है, यह मनुष्य की आधारभूत अनिवार्यता है। यह व्यक्तित्व निर्माण के साथ जीवन की मूल चेतना निर्माण का साधन भी है। आधुनिक जीवन में शिक्षा की प्रासंगिकता बढ़ती जा रही है। देश को यदि शक्ति सम्पन्न होना है तो उसे अपनी युवा शक्ति को शिक्षित तथा ज्ञानवान होने की शर्त को पूरा करना होगा। राज्य में शिक्षा के विकास हेतु इसके व्यापक प्रचार-प्रसार पर ध्यान दिया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु लगभग 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य अंतिम चरण में हैं। संथाल परगना प्रमण्डल में ज्ञानोदय योजनान्र्तगत शिक्षकों को जीपीएस/आधार आधारित उपस्थिति तथा 10,461 टैब सभी विद्यालयों को उपलब्ध करा कर मोनिटरिंग की व्यवस्था की जा रही है। तकनीकी शिक्षा पर जोर डालते हुए सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 से सरकारी क्षेत्र में 4 नये पाॅलिटेकनिक संस्थानों का संचालन पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, साहेबगंज एवं दुमका में प्रारंभ कर दिया है।
राज्य में लक्षित वर्ग के सभी छात्र-छात्राओं को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए कुल 143 आवासीय विद्यालय एवं 32 पहाड़िया दिवाकालीन विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जनजातियों के छात्र-छात्राओं को शिक्षित करने के उद्देश्य से आश्रम एवं एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं। इसके तहत 11 नये आश्रम/एकलव्य माॅडल आधारित आवासीय विद्यालयांे का संचालन प्रारंभ किया गया है।
उन्होंने कहा कि हमने अपने राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार हेतु कई कदम उठाये हैं। आज के इस प्रतियोगितात्मक युग में लोगों को गुणवŸाापूर्ण शिक्षा सुलभ कराने हेतु हम निरंतर प्रयासरत हैं ताकि हमारे युवा विश्व की चुनौतियों के अनुरुप राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न रोजगारों में अपनी जगह बना सकें। वे प्रतियोगिता परीक्षा में सफल हो सकें। लोगों को शिक्षित करने का मतलब सिर्फ डिग्री हासिल करना ही नहीं है। हमें अपने बच्चों को गुणवŸाापूर्ण शिक्षा सुलभ कराने हेतु निरंतर प्रयासरत रहना है।
राज्यपाल ने कहा कि यह सौभाग्य का विषय है कि राज्यपाल होने के नाते मुझे यहाँ के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति का भी दायित्व मिला है। उच्च शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। 3 वर्ष पूर्व शिक्षा के क्षेत्र में कई समस्यायें थी, यथा- यूनिवर्सिटी एण्ड काॅलेज में शिक्षकों का अभाव, काॅलेज में रेगुलर प्रिंसिपल का न होना, वर्षों से रोस्टर क्लीयरेंस का कार्य बाधित रहने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया में विलंब, सत्र नियमित नहीं रहना आदि। इन विभिन्न समस्याओं के निदान हेतु राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ निरंतर समीक्षा बैठक आयोजित की जाती है। इस क्रम में एकेडमिक कैलेन्डर का सृजन के साथ शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकी है। नियमित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है।
उच्च शिक्षा के विकास के क्षेत्र में शिक्षण संस्थानों में आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने हेतु सरकार निरंतर प्रयासरत हैं। इस दिशा में सिदो कान्हु विश्वविद्यालय के नये परिसर में भी विभिन्न भवनों का निर्माण कराया गया है। विभिन्न वोकेशनल एण्ड जाॅब आॅरियेंटेड कोर्स संचालित किये जा रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि आज का युग सूचना तकनीक का है। इसे दृष्टि में रखते हुए चांसलर पोर्टल प्रारंभ किया गया है। इसके तहत विद्यार्थियों को आॅनलाईन एडमिशन टू आॅनलाईन सर्टिफिकेट सुलभ कराने की व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों को डिग्री ससमय मिले, इस दिशा में सभी विश्वविद्यालयों को ससमय दीक्षान्त समारोह का आयोजन कराने हेतु निदेश दिया है। 
माननीया राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उनके द्वारा विश्वविद्यालयों के टाॅपरों के साथ बैठक कर संवाद स्थापित किया जाता है। इन छात्र-छात्राओं से विश्वविद्यालय की दशा में सुधार हेतु सुझाव भी आमंत्रित किये जाते हैं। इस क्रम में निर्णय के आलोक में पीजी की परीक्षा में सर्वोच्च अंक लानेवाले विद्यार्थियों से एक वर्ष शिक्षण कार्य करा उन्हें मासिक मानदेय राशि दिया जा रहा है। 
झारखण्ड राज्य के लोगों में असीम खेल प्रतिभा निहित है। उनकी खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित करते हुए चांसलर ट्राॅफी का आयोजन किया जाता है। साथ ही विश्वविद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ावा देने के मकसद से यूथ फेस्टिभल का आयोजन किया जाता है।
युवाओं में कौशल विकास हेतु देवघर में फुड क्राफ्ट इन्टीच्यूट की स्थापना की जा रही है। राज्य भवन निर्माण निगम द्वारा निर्मित होने वाले इस संस्थान में फुड-प्रोडक्शन से संबंधित डिपलोमा कोर्स तथा आतिथ्य से जुडे़ व्यवसायों हाउस किपिंग आदि में सर्टिफिकेट कोर्स कराया जायेगा।
डिजिटल इन्डिया की ओर कदम बढ़ाते हुए डिजिटल लिटरेसी कैम्पेन कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत हर घर के कम-से-कम एक व्यक्ति को डिजिटल साक्षर किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को राज्य के सभी उच्च विद्यालयों में भी शुरू किया जा रहा है। इसमें 10 लाख छात्र-छात्राओं को पंजीकृत किया गया है, जिनमें से 5 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को डिजिटल साक्षर किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य एवं समुचित स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने एवं किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से लड़ने के उद्देश्य से अत्याधुनिक जीवन रक्षक उपकरणों से लैस 108 एम्बुलेंस की सुविधाएँ सभी जिलों में उपलब्ध करायी जा रही हंै। राज्य के सभी सरकारी मेडिकल काॅलेज एवं 500 बेड वाले सरकारी अस्पतालों में अमृत दीन दयाल प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर का अधिष्ठापन किया जा रहा है। सरकार के प्रयास का ही फलाफल है कि आज मातृ मृत्यु दर 208 प्रति लाख से घटकर 165 तथा नवजात मृत्यु दर 34 प्रति हजार से घटकर 29 हो गयी है।
राज्य के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु झारखण्ड राज्य सेवा देने की गारण्टी अधिनियम के अन्तर्गत सेवाओं को बढ़ाते हुए 19 विभाग के कुल 316 सेवाओं को इसके अन्तर्गत लाया गया है। इन सेवाओं में निर्धारित समयावधि में जन आवेदन का निष्पादन अनिवार्य कर दिया गया है।
माननीया राज्यपाल ने कहा कि हमारा राज्य प्राकृतिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यन्त समृद्ध है। इस दृष्टि से राज्य में पर्यटन के विकास की अपार संभावनायें हैं तथा इसे पर्यटन हब के रूप में राष्ट्रीय पटल पर जाना जा सकता है। दुमका जिला अन्तर्गत मलूटी स्थित विभिन्न प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार व संरक्षण कार्य प्रारंभ है। माननीय प्रधानमंत्री महोदय द्वारा इसका दिनांक 2 अक्टूबर, 2015 को दुमका से शुभारंभ किया गया था। आशा है कि शीघ्र ही यह कार्य पूर्ण हो जायेगा एवं मलूटी का एक नया स्वरूप लोगों के समक्ष आयेगा जो लोगों को यहाँ पर्यटन के प्रति आकर्षित करेगा। देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ मंदिर और दुमका स्थित बासुकीनाथ मंदिर भारत ही नहीं, पूरे विश्वपटल पर किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है। यहाँ लाखों श्रद्धालू पूरे उत्साह एवं भक्ति-भाव के साथ आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में मनोरम पतरातू को वृहत् पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने का कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में इस योजना के पूर्ण होने पर यह राज्य का सबसे वृहद् पर्यटन गंतव्यों में से एक होगा, जो प्रति वर्ष देश के ही नहीं वरन् विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा।
उन्होंने कहा कि प्रसन्नता की बात है कि स्वच्छता के प्रति हमारे लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण, 2018 में झारखण्ड को पहला स्थान प्राप्त होना गौरव की बात है। स्वच्छ भारत मिशन को पूर्णतः प्रभावी बनाने हेतु सरकारी तंत्र के साथ जन-सहयोग भी अपेक्षित है। 
  राज्य में विकास हेतु शांति-व्यवस्था एवं विधि का शासन एक अनिवार्य शत्र्त है। राज्य में कानून-व्यवस्था के संधारण हेतु आवश्यक मानव संसाधन की कमी को दूर करने हेतु पुलिस विभाग अन्तर्गत वर्ष 2015 से अब तक आरक्षी से लेकर पुलिस सब इन्सपेक्टर, परिचारी, वायरलेस आॅपरेटर, असिस्टेन्ट पुलिस, पुलिस उपाधीक्षक के 11 हजार 451 पदों पर नियुक्ति की गयी है एवं इन्डिया रिजर्ब बटालियन के करीब 2800 आरक्षी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है, जिसे अक्टूबर, 2018 के मध्य तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान के प्रथम चरण के अन्तर्गत राज्य के 252 अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों एवं द्वितीय चरण के अन्तर्गत राज्य के 19 आकांक्षी जिलों के लगभग 1 हजार से अधिक जनसंख्या वाले 6,512 गांवों को 7 अति महत्वपूर्ण योजनाओं यथा- मिशन इन्द्रधनुष, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री सहज बिजली घर योजना- सौभाग्य, एलईडी फाॅर आॅल वितरण की योजना- उजाला, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से आच्छादित किया जा रहा है। इसी प्रकार आदिवासी जन-उत्थान अभियान अन्तर्गत 1 हजार से अधिक जनसंख्या वाले जनजातीय बाहुल्य ग्रामों को भी उक्त सातों योजनाओं से आच्छादित किया जा रहा है। 
उन्होंने कहा कि झारखण्ड राज्य विकास के पथ पर अग्रसर है और विकास की इस यात्रा में सरकार सबको साथ लेकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है। कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ लक्षित समूहों तक पहुँचे, इसके लिए आवश्यक है कि प्रशासन चुस्त-दुरूस्त, संवेदनशील एवं पारदर्शी हो, लोग विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक हों। अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुँचे, सभी के चेहरे पर मुस्कान हो, यही हमारे लोकतंत्र का ध्येय है। 
माननीय राज्यपाल ने कहा कि आज के इस पावन अवसर पर मैं झारखण्ड की सभी जनता की खुशहाली तथा उन्नत भविष्य की कामना करती हूँ। विश्वास है कि राज्य के सभी लोग आपसी प्रेम और भाईचारे के साथ कार्य करेंगे और झारखण्ड राज्य को खुशहाल एवं उन्नत बनायेंगे। 





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