Saturday 18 August 2018

दुमका 18 अगस्त 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 563
समाहरणालय सभागार में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अपूर्ति करने हेतु शोक सभा किया गया। दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार, उप विकास आयुक्त वरुण रंजन, प्रशिक्षु आई ए एस शशि प्रकाश, अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार तथा जिला प्रशासन के सभी वरीय अधिकारीगण तथा समाहरणालय के सभी कर्मचारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर तथा दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बातों को हमें अपने जीवन में आत्मसात करने की जरुरत है। वे ना सिर्फ एक प्रखर वक्ता थे बल्कि वे एक अच्छे प्रशासक, एक अच्छे कवि भी थे। उनकी हर कविता हमे प्रेरित करती है। आज पूरे देश ने एक ऐसा व्यक्तित्व को खोया है। युवाओं ने अपने प्रेरणा स्रोत को खोया है, राष्ट्र ने एक महान सपूत को खोया है पूरे देश की आंखे नम हैं और यह एक अपूर्णीय क्षति है। उनकी खासियत थी कि वे एक सहज व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे। हम सब उनकी तरह कविता नही लिख सकते है लेकिन अगर संवेदनशील बन पाते हैं यो यही सही मायने में उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। एक प्रशासक के जितने गुण होने चाहिए सभी गुण उनमें थे। कवि के साथ  वे एक दृढ़ व्यक्तित्व भी थे। ये शोक सभा का मतलब है कि उनके अच्छे गुण हम सभी आज यहाँ से लेकर जाये। उन्होंने लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का भी कार्य किया था।
इस मौके पर उप विकास आयुक्त वरुण रंजन ने कहा कि जिस तरह उनकी अंतिम यात्रा में लोगों का जनसैलाब उमड़ा था यह दर्शाता है कि वे राजनीति से ऊपर उठकर सभी लोगों के दिलों में अपनी एक अलग स्थान रखते थे। बहुत लंबे समय के बाद ऐसा जनसैलाब देखा गया। उनकी लोकप्रियता को शब्दों में बयां नही किया जा सकता। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अधिवेशन में बतौर विदेश मंत्री हिंदी में भाषण देकर भारत की भाषा को अंतरराष्ट्रीय पटल पर एक पहचान दी।
इस मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि उनके कार्य उनके सिद्धांत किसी भी सरकार के लिए पैरामीटर है। उन्होंने यह सिखाया कि किस तरह लोगों के बीच अपनी स्वीकारिता बढ़ाई जाती है। उनकी कविता हमें सिखाती है कि किस तरह से जीवन को पूरी तन्मयता से जिया जाता है। उनके द्वारा किये गये कार्यों को आगे बढ़ाना ही सही मायने में उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।








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