दिनांक- 20 सितंबर 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1213
सूने आँगन में गूंजी किलकारी....
जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने बक्शीबांध, दुमका स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित शिशु को असम के नि:संतान दंपत्ति को गोद दिया। असम के इस दंपत्ति की शादी हुए 10 साल हो गए थे। अपनी एक भी संतान नहीं होने के कारण उन्होंने लंबा इंतजार करने से अच्छा गोद लेने की सोची । दंपत्ति ने दत्तक में शिशु (म) को लेने को प्राथमिकता दी। विदित हो कि असम के ये दंपत्ति न्यायिक सेवा में दंडाधिकारी हैं।
जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने हर्ष जाहिर करते हुए कहा कि दत्तक ग्रहण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें मां बाप के प्यार से वंचित बच्चे को एक परिवार मिलता है , वहीं दूसरी ओर संतान सुख से वंचित दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमरेंद्र यादव ने आमजनों से आग्रह किया कि ऐसे कोई भी व्यक्ति जिनकी उम्र 25 वर्ष से ऊपर है,बच्चे को गोद लेने की अर्हता रखते हैं, अगर वे मानसिक, शारीरिक व आर्थिक रूप से सक्षम हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि दत्तक "पहले आओ ,पहले पाओ" के तर्ज पर दी जाती है। इसलिए इच्छुक व्यक्ति जितना जल्द हो अपना निबंधन करा लेना चाहिए।
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र बताया कि गोद लेने के इच्छुक व्यक्ति सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के वेबसाइट (www cara.nic.in) पर अपना निबंधन कराकर बच्चे को गोद ले सकते हैं। उन्होंने अपील की कि गोद हमेशा कानूनी प्रक्रिया अपना कर ही लेना चाहिए, इससे बच्चे को गोद लेने वाले अभिभावक से कानूनी अधिकार प्राप्त होता है।
मौके पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, सदस्य नूतनबाला,कुमारी विजय लक्ष्मी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के मैनेजर तारिक अनवर, सोशल वर्कर वहीदा खातून,एएनएम नीली हेंब्रम , बालगृह के इंचार्ज संजू कुमार, काउन्सलर कुमारी आकांक्षा,हाउस फादर रेमंड, संजय आदि उपस्थित होकर बच्ची की उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ विदाई दी।
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