दिनांक- 01 अगस्त 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-784
कांवरियों की भीड़ में मां से बिछड़ गया 10 वर्षीय बालक
सीडब्ल्यूसी ने बालक को भेजा बालगृह, परिजनों से किया संपर्क
बिहार से अपनी मां व नानी के साथ बासुकीनाथ आया था बालक
श्रावणी मेला में बासुकीनाथ में प्रतिदिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु बासुकीनाथ आ रहे हैं। श्रद्धालुओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी होते हैं जो कई बार मेले के भीड़ में अपने परिवार से बिछड़ जाते हैं। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कर्मी माइक से अनाउंस कर और यहां तक कि फोन से संपर्क कर लगातार बिछड़ों को मिला रहे हैं। पर कई बार 18 वर्ष से कम आयु के बालक के परिजन नहीं मिलते हैं। ऐसे बालकों को बासुकीनाथ में बनाये गये चाइल्डलाइन के कैंप के माध्यम से दुमका भेज कर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है जो ऐसे बालकों को तब तक बालगृह में आवासीत रखती है जबतक कि उनके अभिभावक नहीं पहुंच जाएं। सोमवार को चाइल्डलाइन टीम मेंबर इब्नूल ने बासुकीनाथ में मिले ऐसे ही एक 10 वर्षीय बालक को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया। सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय और कुमारी विजय लक्ष्मी ने उसके मामले की सुनवाई की। बालक ने अपने बयान में बताया कि वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिला का रहनेवाला है। जब वह छोटा था तभी पिता ने परिवार को छोड़ दिया। वह अपनी मां, नानी और तीन भाई व एक बहन के साथ बिहार के महराणा इलाके में रहता है। रविवार को वह अपनी मां, नानी और छोटे भाई के साथ बासुकीनाथ आया था। उसकी मां फूल बेचने आयी थी जिससे वह भीड़ में बिछड़ गया। इसी दौरान उसे पुलिस ने देखा और चाइल्डलाइन के हवाले कर दिया। सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि समिति ने बालक को बालगृह में आवसित कर दिया है। उसके परिवार से संपर्क किया गया है और पहचान पत्र के साथ उसकी मां को समिति के समक्ष हाजिर होने को कहा गया है ताकि बालक को वापस परिवार में भेजा जा सके।
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