दिनांक- 14 जून 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0629
*छह वर्षों से बालगृह में रह रहे दो सगे भाईयों को सीडब्ल्यूसी ने परिवार से मिलाया
दोनों को स्कूल में रखकर कोलकाता जाकर पिता ने कर ली थी दूसरी शादी
पिछले साढ़े छह सालों से बालगृह में आवासीत दो भाईयों का बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने पुर्नवास कर दिया है। मूलरूप से देवघर जिला के मधुपुर इलाके के एक गांव के रहनेवाले इन दोनों भाईयों को वर्ष 2016 में विजयपुर स्थित एक स्कूल से रेस्क्यू किया गया था। तत्कालीन चेयर पर्सन अमरेंद्र कुमार को एक सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा गुप्त सूचना देने पर समिति ने स्वयं मौके पर जाकर दोनों भाइयों का रेस्क्यू किया था। पिता ने दोनों का उक्त आवासीय प्राइवेट स्कूल में नामांकन करवा दिया था और खुद कोलकाता जाकर दूसरी शादी कर ली थी। आखिरकार समिति ने दोनों के पिता को खोज निकाला। मंगलवार को दोनों बालकों के पिता, उसकी पत्नी और बड़ा भाई सीडब्ल्यूसी बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत हुए। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इन तीनों के अलावा दोनों बालकों का बयान भी दर्ज किया। पिता ने अपने बयान में बताया कि वह पिछले 22 वर्षों से कोलकाता में रह रहा है और वहां ई रिक्सा चलाता है। उसकी पहली पत्नी ने उसे छोड़ दिया था जिसके बाद उसने दूसरी शादी कर ली है जिससे उसे कोई संतान नहीं है। पहली पत्नी से उसके दो बेटे हैं जिसका नामांकन उसने दुमका के एक प्राइवेट स्कूल में करवा दिया था। पहली पत्नी के भय से वह उन्हें अपने साथ नहीं रखता था। अब वह दोनों बेटों को अपने साथ कोलकाता ले जायेगा और वहां उनकी आगे की पढ़ाई जारी रखेगा। उसकी दूसरी पत्नी ने बताया कि वह दोनों लड़कों को अपने साथ रखना चाहती है और इसके लिए उसने पति से कई बार बात की पर दूसरी पत्नी के भय से वह इसके लिए तैयार नहीं होते थे। दोनों बालकों को वह अपने साथ कोलकाता में रखेगी। बड़े चाचा ने कहा कि जबकि दोनों के कोलकाता में रहने की व्यवस्था नहीं हो जाती है तबतक लगभग एक सप्ताह तक वह दोनों को अपने मधुपुर स्थित घर में रखेंगे। दोनों बालकों ने भी अपने पिता के साथ जाने की इच्छा जतायी जिसपर दोनों को अभिभावकों को सौंप दिया गया। यह समिति और परिवार दोनों के लिए भावुक क्षण था।
देवघर चाइल्डलाइन की मदद से पिता से हुआ संपर्क
चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि पिता ने दोनों बच्चों को स्कूल के भरोषे छोड़ दिया था और उनके होस्टल के लॉजिंग व फुडिंग का खर्च भी नहीं दे रहे थे। जनवरी 2016 में जब दोनों बालकों को रेस्क्यू किया गया तो दोनों कुपोषित पाये गये थे और तब से दोनों पहले आफ्टर केयर होम धधकिया और बाद में बालगृह (बालक) बक्सीबांध में आवासीत थे। सीडब्ल्यूसी ने दोनों बालकों को अच्छी तालीम दिलाई। दोनों बच्चों ने मैट्रिक की परीक्षा दे दिया है अभी रिजल्ट आना बाकी है ।अब इनमें से एक बालक 16 से अधिक और दूसरा 17 से अधिक वर्ष का हो गया था। ऐसे में समिति ने दोनों के पुर्नवास के लिए पिता को खोजना शुरू किया। कोई भी ठौर-ठिकाना पता नहीं होने के कारण यह तलाश कठिन थी। कई प्रयासों के बाद चाइल्डलाइन देवघर के टीम सदस्य मोहम्मद इलियास के सहयोग से सीडब्ल्यूसी ने आखिरकार दोनों बालकों के पिता को कोलकाता में खोज निकाला और उन्हें दुमका बुलवाया। अंततः समिति ने दोनों बालकों को उसके परिवार से मिलवा दिया है।
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