दिनांक- 22 जून 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0655
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (मत्स्य प्रभाग), झारखण्ड राँची के "केज कल्चर विस्तार और सुदृढीकरण योजना" अन्तर्गत रानेश्वर प्रखण्ड के नन्दना ग्राम में अवस्थित परित्यक्त पत्थर खदान में केज कल्चर के माध्यम से मत्स्य पालन करने तथा स्थानीय ग्रामीणों और विस्थपितों की आय में बढ़ोत्तरी हेतु 12 केज बैट्री (24 केज) का निर्माण जिला मत्स्य कार्यालय, दुमका के द्वारा किया गया। इसके संचालन हेतु ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में स्थानीय युवाओं को शामिल करते हुए 24 सदस्यों का "कावेरी केज कल्चर समूह का गठन किया गया।
परित्यक्त पत्थर खदानों में केज कल्चर मुख्यतः G.I पाईप से बने 8mX6mX5m के दो केज (एक बैट्री) केज के अधिष्ठापन हेतु मो० 3.60 लाख रू० प्रति केज बैट्री की दर निर्धारित की गई है, जिसमें 90 प्रतिशत् सरकारी अनुदान तथा शेष 10 प्रतिशत् लाभुक का अंशदान है। विस्थापित केज लाभुकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए प्रति केज बैटरी हेतु इनपुट के लिए राज्य सरकार का अंशदान 50 प्रतिशत (अधिकतम् 2.00 लाख रू० ) मात्र निर्धारित है तथा शेष लाभुक अंशदान से व्यय किया जाना है।
आज दिनांक 22.06.2022 को "कावेरी केज कल्चर समूह के सचिव गुरूदयाल मंडल के द्वारा नवनिर्मित केजों का उद्घाटन उपायुक्त दुमका की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर नवनिर्मित केजों में 1.44 लाख मत्स्य बीजों का संचयन किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त द्वारा उपस्थित सभी समूह के सदस्यों एवं ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि परित्यक्त पत्थर खदानों में केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन माननीय मुख्यमंत्री के व्यापक सोच की परिकल्पना है। झारखण्ड सरकार की दूरदर्शिता से जिले के बेकार पड़े पत्थर खादानों में संग्रहित जलक्षेत्र के सार्थक उपयोग के दृष्टिकोण से यह योजना संचालित की गई है। यह योजना एक अभिनव प्रयोग हैं। यदि हम सफल होते हैं, तो इस क्षेत्र में नये जलस्त्रोतों के सदुपयोग का रास्ता खुलेगा एवं अन्य पत्थर खदानों को इस योजना से आच्छादित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने समिति में अधिक-से-अधिक युवाओं को जोड़ने का अनुरोध किया एवं संगठित होकर पूरी लगन के साथ कार्य करने का सुझाव दिया, जिससे कि नन्दना में लगे ये सभी केज नीली क्रांति की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकें। केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन से समूह के सदस्यों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हो सकेगा एवं ताजी मछलियाँ स्थानीय लोगों को मिल सकेगी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए उन्होंने जिला खनन पदाधिकारी, दुमका एवं जिला मत्स्य पदाधिकारी, दुमका को साधुवाद दिया।
इस अवसर पर उनके द्वारा 08 मत्स्य बीज उत्पादकों को वित्तीय वर्ष 2022-23 अंतर्गत तालाब तथा जलाशय मत्स्य का विकास योजनान्तर्गत 90 प्रतिशत वित्तीय अनुदान पर मत्स्य अण्ड बीज (स्पॉन) उपलब्ध कराया गया। उपायुक्त महोदय द्वारा बताया गया कि मत्स्य विभाग की योजनाएँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने के लिए काफी लाभदायक है। उनके द्वारा बताया गया कि रानेश्वर प्रखण्ड में अधिक जलस्त्रोत हैं। आप सभी व्यवसायिक दृष्टिकोण से मछली पालन करें एवं आर्थिक रूप से सम्पन्न बनें।
इस मौके पर उपायुक्त के अतिरिक्त पाटजोर पंचायत की मुखिया मीनू कल्याणी सोरेन, अतुल रंजन, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सह अंचल पदाधिकारी रानेश्वर, कृष्ण कुमार किस्कू, जिला खनन पदाधिकारी, देवेश कुमार सिंह, परियोजना निदेशक, आत्मा, डॉ० अवधेश कुमार सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी, अमरेन्द्र कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, सुशील हाँसदा, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य मित्र, मत्स्य बीज उत्पादक एवं कावेरी केज कल्चर समूह के सभी सदस्यगण तथा स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे।
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