दिनांक- 16 जून 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0633
विशेष अभियान के तहत धावा दल ने चार बाल श्रमिकों को किया रेस्क्यू
शहर के पुसारो, दुधानी, टीन बाजार व बस पड़ाव में टीम ने की छापेमारी
सीडब्ल्यूसी ने तीन बालकों को भेजा बालगृह, एक को किया अभिभावक के हवाले
बाल श्रम उन्मूलन हेतु गुरूवार को जिला स्तर पर गठित धावा दल के द्वारा शहर के पुसारो, दुधानी चौक, टीन बाजार और दुमका बस पड़ाव में विशेष अभियान चलाया गया। इस छापेमारी की कार्रवाई के दौरान गैरेजों, होटलों व दुकानों में 11 बालकों से पूछताछ की गयी जिनमें से चार बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया। बाल श्रम कराने के मामले में नियेक्ताओं से जुर्माना वसूलने, दैनिक मजदूरी दिलवाने के अलावा कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। इस मामले में श्रम विभाग नियोक्ताओं को अलग से नोटिश जारी करेगी। धावा दल में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य डा राज कुमार उपाध्याय एवं कुमारी विजय लक्ष्मी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी (डीसीपीओ) प्रकाश चंद्र, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मो. अकीक, श्रम विभाग के मो. तौफीक, चाइल्डलाइन दुमका के केन्द्र समन्वयक मधुसुदन सिंह, टीम मेंबर निक्कू कुमार व शांतिलता हेम्ब्रम, एक्सन एड के नरेन्द्र शर्मा और महिला थाना की एएसआई सुखमनी शामिल थे। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि झारखण्ड राज्य को बाल श्रम की कुप्रथा से मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत धावा दल के द्वारा श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए दुमका शहर के संभावित इलाकों में छापेमारी की गयी। इस दौरान दुधानी टावर चौक में आलम मोटरसाइकिल रिप्येरिंग सेंटर में एक बालक काम करता हुआ पाया गया। दुधानी चौक में स्थित फूड जीनी नामक फास्ट फूड रेस्टोरेंट में दो बालक मिले जो मधुपुर के रहनेवाले हैं। दुमका के प्राईवेट बस स्टैण्ड के मां तारा होटल में मसलिया का रहनेवाला एक आदिवासी बालक पाया गया। इन चारों बालकों को चाइल्डलाइन दुमका को सौंप दिया गया। पुसारो के पास स्थित जय मां दुर्गा बॉडी मिस्त्री व वर्कशॉप में दो, संत तेरेसा स्कूल के सामने स्थित एक गैराज में एक बालक और बस स्टैण्ड के एक होटल में एक बालक काम करता हुआ पाया गया पर इन सबकी उम्र 14 वर्ष से अधिक थी। टीन बाजार इलाके में भी तीन बालक दुकानों पर मिले जिनके अभिभावकों से पूछताछ की गयी। इन बालकों का सीडब्ल्यूसी फॉलोअप करेगी। रेस्क्यू किये गये चारों बालकों को चाइल्डलाइन दुमका के द्वारा बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी एवं नूतन बाला ने बालकों के अलावा उनके अभिभावकों व नियोक्ताओं का बयान दर्ज किया। समिति ने पाया कि बस स्टैण्ड के मां तारा होटल में पाया गया मसलिया का बालक घर से भाग कर आया था लिहाजा उसे रनअवे श्रेणी में दर्ज करते हुए बालगृह में आवासीत कर दिया गया। मधुपुर के रहनेवाले दोनों बालकों को चाइल्ड लेबर की श्रेणी में चिन्हित करते हुए उन्हें भी बालगृह में आवासीत कर दिया गया। दुधानी के बाइक गैराज में मिले चाइल्ड लेबर को अंडरटेकिंग लेकर उसके माता-पिता को सौंप दिया गया। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि बाल श्रम करते पाये गये बालकों को काम के एवज में वयस्कों के समान मजदूरी और जुर्माना राशि का भुगतान नियोक्ताओं से करवाया जायेगा और उनके पूनर्वास की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने आम लोगों एवं प्रतिष्ठान के मालिकों से अपील किया है कि किसी भी बालकों से बाल श्रम नहीं कराएं। यह कानूनन अपराध है। यदि कोई नियोक्ता 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी कार्य पर लगाता है तो ऐसा करने पर उसे दो साल तक की कैद की सजा या जुर्माना या सजा और अधिकतम 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
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