Monday 17 October 2022

दिनांक- 18 अगस्त 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-818

 दिनांक- 18 अगस्त 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-818


कृष्णाष्टमी पर सीडब्ल्यूसी ने कृष को उसकी माँ को सौंपा

बेटे को गोद में लेते ही आंसुओं से छलछला गयी पिता की आंखें

दोनों ने खायी कसम, भविष्य में कभी नहीं करेंगे शराब का सेवन

बाल कल्याण समिति ने कृष्णाष्टमी के अवसर पर आठ माह के कृष को उसकी माँ के गोद में डाल दिया। सात महिने बाद बेटे को गोद में लेते ही जहां माँ ने उसे चुम लिया वहीं पिता के आँखें आंसुओं से छलछला गयी। बालक के माता-पिता ने समिति के समक्ष कसमें खायी कि भविष्य में वे कभी भी शराब का सेवन नहीं करेंगे। इससे पूर्व चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने माता-पिता का बयान दर्ज किया। अपने बयान में बालक की माँ ने बताया कि वह फुटबॉल मैच देखने के लिए गयी थी जहां शराब का सेवन करने के कारण वह अपने एक माह के बालक को वहीं भुल गयी और अकेली घर चली गयी। पिता ने समिति से कहा कि पत्नी शराब के नशे में नवजात बच्चे को लावारिश हालत में छोड़ कर आ गयी तो इसमें उसकी भी गलती है। दोनों ने कहा कि शराब की वजह से सात माह से उनके कलेजे का टुकड़ा उनसे दूर हो गया इसलिए वे भविष्य में कभी भी शराब नहीं पीएंगे। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि 05 जनवरी 2022 को लगभग एक माह के बालक को काठीकुण्ड पुलिस ने लावारिस हालत में पाने पर दुमका के फूलो झानो मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती करवाया था जिस अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। समिति ने बालक का नामांकरण किया था कृष। बालक को समिति ने विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) में आवासित कर रखा था। एक सप्ताह बाद काठीकुण्ड की एक महिला समिति के समक्ष उपस्थित हुई और उक्त नवजात बालक की माँ होने का दावा किया। पर महिला ने अपने बयान में बताया कि उसकी तीन साल की बेटी नवजात को घर से ले जाकर कहीं छोड़ आयी है। महिला के घर और जहां नवजात लावरिश हालत में मिला था, दोनों जगहों में इतनी अधिक दूरी है कि कोई भी तीन साल की बच्ची एक नवजात को गोद में लेकर वहां तक नहीं जा सकती है। इसलिए समिति ने महिला के दावे को अस्वीकार करते हुए चाइल्डलाइन दुमका से सामाजिक जांच प्रतिवेदन मंगवाया जिसमें सहिया ने बालक के जन्म और अस्पताल में इलाज की जानकारी दी थी। सहिया और आंगनबाड़ी सेविका को सम्मन कर कागजातों के साथ बुलाया गया। इस बीच महिला और उसका पति काम के लिए दूसरे राज्य चले गये। समिति ने डीसीपीओ से पूरे मामले में भौतिक जांच कर रिपोर्ट मांगा। डीसीपीओ प्रकाश चंद्र ने सहिया और आंगनबाड़ी सेविका के बयान एवं कागजातों के साथ रिपोर्ट सौंपी जिसके आधार पर गुरूवार को समिति ने माता-पिता को बुलाकर सुनवाई पूरी करते हुए बालक को उनके साथ घर भेज दिया। मौके पर एसएए के प्रभारी तारिक अनवर, सामाजिक कार्यकर्ता वहीदा खातून भी मौजूद थे।

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