Monday, 17 October 2022

दिनांक- 19 अगस्त 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-820

 दिनांक- 19 अगस्त 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-820


पांच सालों से सीडब्ल्यूसी के देखरेख एवं संरक्षण में रह रहा था बालक

जेल से रिहा होने पर समिति ने पिता को सौंपा उसका छह वर्षीय बेटा

बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने हत्या के मामले में कोर्ट से रिहा किये जाने के बाद कारागार से बाहर आये पिता को जन्माष्टमी के मौके पर उसके छह वर्षीय बालक को सौंप दिया। शुक्रवार को बालक का पिता समिति के समक्ष उपस्थित हुआ और बालक को अपने साथ घर ले जाने की इच्छा जतायी। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस मामले की सुनवायी की। बालक के पिता ने समिति को दिये अपने बयान में बताया कि वर्ष 2017 में उससे झगड़ा होने पर उसकी पत्नी ने जहर खाकर जान दे दी थी। पति-पत्नी के बीच अक्सर होनेवाले झगड़े के कारण गांववालों ने पति पर हत्या का आरोप लगाया था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कुछ माह पूर्व हत्या के इस मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में उसे रिहा कर दिया और वह दुमका जेल से छोड़ दिया गया। उसके बाद उसने घर बनवाया जिस कारण बालक को ले जाने में देरी हुई।

 चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि यह बालक पिछले पांच सालों से बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के देखरेख एवं संरक्षण में रह रहा था। जब बालक एक वर्ष का था तभी वर्ष 2017 में पुलिस ने उसके पिता को गिरफ्तार करने के बाद बालक को भी उसके साथ जेल भेज दिया था। समिति के निर्देश पर बालक को केन्द्रीय कारा के द्वारा सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था और बालक को दुधानी में स्थित मिशनरिज ऑफ चैरिटीज में आवासित कर दिया गया था। बाद में बालक को बक्सीबांध स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित किया गया था जहां से शुक्रवार को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया और समिति ने बालक को उसके पिता के साथ घर भेज दिया। इस मौके पर एसएए के प्रभारी तारिक अनवर और सामाजिक कार्यकर्ता वाहिदा खातून भी मौजूद थे।

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