दिनांक- 19 अगस्त 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-821
सीडब्ल्यूसी ने दो बच्चियों को एडोप्सन के लिए किया मुक्त
बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने आठ माह की दो बच्चियों को एडोप्सन के लिए कानूनी रूप से मुक्त (लीगली फ्री) कर दिया है। आनेवाले दिनों में दो दंपत्तियों की गोद भर जायेगी।
सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि दोनों बच्चियों के लावारिश हालत में होने पर समिति ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उनका प्रोडक्सन करवाया था और सीएनसीपी घोषित करते हुए उन्हें विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित किया था। चाइल्डलाइन दुमका के माध्यम से जब गृह सत्यापन में भी दोनों बच्चियों के अभिभावकों के बारे में कुछ पता नहीं चला तो इनके जैविक माता-पिता के खोज के लिए समिति द्वारा 17 जून को पांच अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाया था। विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद निर्धारित 60 दिनों के अंदर बच्चियों के जैविक माता-पिता के सामने नहीं आने पर इनके एडोप्सन की प्रक्रिया शुरू की गयी। 18 अगस्त को समिति के फुल बेंच ने दोनों बच्चियों को लीगली फ्री घोषित कर दिया। कारा में निबंधित दंपत्ति में बारी के मुताबिक इन बच्चियों को एडोप्ट करने का प्रस्ताव भेजा जायेगा और सहमति देने के बाद एडोप्सन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। उन्होंने बताया कि बच्चे को गोद लेना एक क़ानूनी प्रक्रिया है। बच्चे को गोद लेने के लिए भावी मां-बाप को कई तरह की प्रक्रियाओं से गुज़रना होता है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (सीएआरए, या कारा) गठित की है। कारा नामक यह संस्था नोडल एजेंसी की तरह काम करती है। बच्चे को गोद लेने के इच्छुक अभिभावक को कारा के वेबसाइट पर निबंधन करवाना होता है।
No comments:
Post a Comment