दिनांक- 20 जून 2022
प्रेस विज्ञप्ति संख्या-647
बच्चे से भीख मंगवाने पर हो सकती है पांच साल की कैद व एक लाख रुपये जुर्माना
सीडब्ल्यूसी ने 12 वर्षीय बालिका से भीख मंगवाने पर मां व मामा को दी अंतिम चेतावनी
सीआईएसएस के रूप में चिन्हित है बालिका, स्पान्सरशिप स्कीम से जोड़ दी जायेगी मदद
सीआईएसएस के रूप में चिन्हित बालिका से भिक्षाटन करवाने का मामला सामने आने पर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के निर्देश पर चाइल्डलाइन दुमका के टीम मेंबर इब्नूल ने मसलिया पुलिस के सहयोग से सोमवार को 12 वर्षीय बालिका, उसकी मां और मामा को बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित किया। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य डा राज कुमार उपाध्याय एवं नूतन बाला ने बालिका के मामा एवं मां का बयान लिया और बालिका से बातचीत किया। मां और मामा ने अपने बयान में कहा कि भविष्य में दोबारा वह ऐसी गलती नहीं करेंगे। वह बालिका का मिडिल स्कूल में छठी कक्षा में नामांकन करवाएंगे और उसे पढ़ाएंगे।
चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि बच्चों से भीख मंगवाना जेजे एक्ट की धारा 74 के मुताबिक गंभीर अपराध है जिसमें पांच साल की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकता है। यह बालिका दुमका के प्राईवेट बस स्टैण्ड और आसपास में भीख मांगते हुए पायी गयी थी जिसे 12 मार्च को दुमका चाइल्डलाईन के केन्द्र समन्वयक मधुसूदन सिंह द्वारा समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था और समिति ने बालिका को बालगृह (बालिका) में आवासीत कर दिया था। उसकी मां और मामा को नगर परिषद द्वारा शहर के सराय रोड में संचालित आश्रय गृह में आवासीत करवाया गया था और इस परिवार को राइट टू फूड के तहत राशन दिलवाया गया था। 23 मार्च को मां छुट्टी के नाम पर 12 दिनों के लिए बालिका को अपने साथ घर ले गयी थी पर उसे वापस बालगृह नहीं पहुंचाया। चाइल्डलाइन दुमका ने एसआईआर में बताया था कि बालिका की मां उसे बालगृह में नहीं बल्कि अपने साथ रखना चाहती है। मां ने अंडरटेकिंग भी दिया था कि वह बालिका से भीख नहीं मंगवायेगी। बावजूद इसके वह 07 जून को दुमका के प्राईवेट बस स्टैण्ड से बालिका से भीख मंगवाते हुए पायी गयी जिसकी सूचना सोसल मीडिया के जरिये समिति को मिली थी। समिति ने 7 जून को ही चाइल्डलाइन दुमका को इस बालिका को दोबारा बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया था पर उसकी मां और मामा आने से इनकार कर रहे थे। अंततः मसलिया पुलिस के सहयोग से बालिका और उसके परिवार को समिति के समक्ष हाजिर करवाया गया। बालिका अपनी मां के साथ रहना चाहती थी लिहाजा उसे मां एवं मामा के साथ वापस घर भेज दिया गया है। यह बालिका सीडब्ल्यूसी के द्वारा सीआईएसएस (चिल्ड्रेन इन स्ट्रीट सिचुएसन) के रूप में चिन्हित की गयी है। समिति ने चाइल्डलाइन दुमका को बालिका का पारिवारिक वार्षिक आय का प्रमाण पत्र जमा करवाने का निर्देश दिया है ताकि उसे स्पान्सरशिप स्कीम से जोड़ा जा सके जिसके तहत उसे समाज कल्याण विभाग के द्वारा स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा के लिए 2000 रुपये प्रतिमाह दिया जायेगा। बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने बालिका के मां और मामा को अंतिम चेतावनी देकर बालिका को उनके हवाले कर दिया है कि वे उससे भीख नहीं मंगवाएंगे अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी और समिति बालिका को अपने देखरेख और संरक्षण में ले लेगी।
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