Tuesday, 18 October 2022

दिनांक-9 सितंबर 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1201

 दिनांक-9 सितंबर 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-1201


उपायुक्त की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में 1 से 30 सितंबर 2022 तक जिले में चल रहे पोषण माह 2022 के तहत किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।


उपायुक्त ने कहा कि खान-पान तथा पोषण में विशेष ध्यान देकर ही कुपोषण को दूर किया जा सकता है।जिले में कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं रहे इसके लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है।लोगों को पौष्टिक आहार को लेकर जागरूक करना होगा।1 से 30 सितंबर 2022 तक चलाये जा रहे पोषण अभियान के दौरान लोगों को पौष्टिक आहार को लेकर जागरूक करें।


उपायुक्त ने कहा कि एनीमिया की रोकथाम के लिए हर आवश्यक कार्य किये जाएं।आयरन टेबलेट का वितरण ससमय किया जाय।कहा कि वीएचएनडी के दौरान हीमोग्लोबिन की जांच अवश्य की जाय।उपायुक्त ने कहा कि बच्चों तथा महिलाओं की जांच कर,सही कारण पता कर,उसका सही उपचार करना आवश्यक है।


इस दौरान जानकारी दी गई कि पोषण माह 2022 का मुख्य थीम महिला एवं स्वास्थ्य, बच्चा एवं शिक्षा, लैंगिक संवेदनशीलता के साथ जल संरक्षण एवं प्रबंधन तथा आदिवासी क्षेत्र में महिलाओं एवं बच्चों के लिए पारंपरिक खानपान है।


जानकारी दी गई कि पोषण माह 2022 के तहत ग्राम तथा आंगनबाड़ी स्तर,परियोजना उत्तर तथा जिला स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।


उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जल्द से जल्द पोषण समिति का गठन किया जाए। सभी आंगनबाड़ी केंद्र में पोषण वाटिका अवश्य हो। सभी आंगनबाड़ी केंद्र में पेयजल शौचालय तथा बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।उद्यान विभाग तथा जेएसएलपीएस से समन्वय स्थापित कर पोषण वाटिका के लिए बीज तथा पौधा प्राप्त करें। निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। वैसे आंगनबाड़ी केंद्र जहां पहुंच पथ का निर्माण अब तक नहीं हो सका है।उसे चिन्हित करते हुए पहुंच पथ निर्माण कार्य की आवश्यक प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए।


उपायुक्त ने कहा कि एएनसी के बाद एमसीपी कार्ड अवश्य उपलब्ध कराएं।सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में मानक नियमों के अनुसार वीएचएनडी का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि वीएचएनडी के दौरान जहां हीमोग्लोबिन की जांच नहीं की गई है उसकी पूरी सूची उपलब्ध कराएं। प्रत्येक माह सीडीपीओ आंगनबाड़ी सेविका से आंगनबाड़ी में ड्रॉपआउट बच्चे से संबंधित जानकारी प्राप्त कर मुख्यालय में रिपोर्ट समर्पित करें।इस दौरान उपायुक्त ने पीएचआर वितरण की भी समीक्षा की।


इस दौरान जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में छोटे-छोटे बच्चे पढ़ते हैं जिन का विशेष ख्याल रखना हम सभी का दायित्व है।सुदूरवर्ती क्षेत्र के आदिवासी बच्चे को पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है जिसके कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार नहीं मिल पाने के कारण उनके बच्चे पर भी बुरा असर पड़ता है। कहा कि लोगों को पौष्टिक आहार के बारे में जागरूक करना होगा तभी कुपोषण को दूर किया जा सकता है


इस दौरान सिविल सर्जन ने कहा 1 वर्ष पूरे कर चुके लगभग सभी बच्चे चलना शुरू कर देते हैं तथा 2 वर्ष के बच्चे टूटे फूटे शब्दों में बोलना प्रारंभ कर देते हैं।अगर उक्त समयावधि में बच्चों द्वारा बोलना तथा चलना प्रारंभ नहीं किया जाता है तो जल्द से जल्द इन बच्चों का स्वास्थ्य जांच कराकर कारण पता करना आवश्यक है।


बैठक में उप विकास आयुक्त,जिला वन पदाधिकारी सहित जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।


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