Monday, 17 October 2022

दिनांक- 27 अगस्त 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-833

 दिनांक- 27 अगस्त 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-833


पांच माह तक छिपा कर रखा मोबाइल, माँ ने देख लिया तो घर से भाग गयी बालिका

पुलिस ने दो दिन बाद बरामद किया तो पहली मंजिल से कूद कर दोबारा भाग गयी

सीडब्ल्यूसी ने मेडिकल जांच के बाद बालिका गृह भेजने का जारी किया आदेश


जामा थाना क्षेत्र की कक्षा 9 में पढ़नेवाली एक बालिका का मोबाइल को लेकर अपनी मां से झगड़ा हो गया तो वह घर से भाग गयी। एक दिन वह अपनी सहेली के घर में छिपी रही और दूसरी रात गांव के एक पत्थर के पास बैठ कर काट दी जहां से जामा थाना पुलिस ने उसे बरामद कर उसे चाइल्डलाइन दुमका को सौंप दिया। शनिवार की सुबह बालिका चाइल्डलाइन के प्रथम तल स्थित कार्यालय से कूद कर भाग गयी। शनिवार को उसे खोजकर चाइल्डलाइन दुमका के द्वारा बाल कल्याण समिति दुमका के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने बालिका, उसकी मां और पिता का बयान दर्ज किया। अपने बयान में बालिका ने बताया कि एक दोस्त ने उसके अकाउंट में 7000 रुपये भेजे थे जिससे उसने एक मोबाइल खरीदा पर घरवालों को नहीं बताया। वह अपना मोबाइल सहेली के पास रख देती थी और उससे मिलने पर इस्तेमाल करती थी। जब सहेली ने उसे मोबाइल दे दिया तो वह उसे घर पर छिपा कर रखती थी। लगभग पांच माह बाद 24 अगस्त को उसकी मां ने वह मोबाइल देख लिया जिसको लेकर मां-बेटी में झगड़ा हो गया। मां ने कहा कि मोबाइल की बात उसके पिता को बता देगी। इसपर वह शाम में मोबाइल, कपड़े और 500 रुपये लेकर घर से भाग कर अपनी सहेली के घर चली गयी। उसके पिता जब उसे खोजने वहां पहुंचे तो वह छिप गयी। 25 अगस्त को जब उसके पिता खोजते हुए दोबारा सहेली के घर पहुंचे तो वह वहां से भाग कर पास के एक चर्च चली गयी। चर्च बंद रहने के कारण वह पीछे जाकर बैठ गयी। वहां उसका वह दोस्त भी उससे मिला जिसने उसे मोबाइल खरीदने के लिए रुपये दिये थे। अंधेरा होने पर उसने एक दुकान से बिस्कुट व ब्रेड खरीद कर खाया और गांव में एक पत्थर के पास जाकर बैठ गयी। पूरी रात और दूसरे दिन शाम के 3 बजे तक वह वहीं रही। इसी दौरान पुलिस ने उसके सहेली ने उसे फोन करा कर उसका लोकेशन लिया और पुलिस ने भी लोकेशन ट्रैक किया। इसके बाद जामा थाना पुलिस उसके पास पहुंची और उसे थाना ले गयी। 

चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि बालिका अपने माता-पिता के साथ घर नहीं जाना चाहती थी इसलिए समिति ने मेडिकल जांच करवाने के बाद उसे अगले आदेश तक धधकिया स्थित बालगृह (बालिका) में आवासित करने का आदेश दिया है।

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